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गहलोत कैबिनेट की बैठक में आज हो सकता है कर्मचारियों के वेतन कटौती का निर्णय !

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत संकेत दे चुके हैं कि 18 से 44 उम्र के युवाओं को फ्री में वैक्सीनेशन लगाने के लिए वित्तीय संसाधन जुटाना बहुत जरूरी हो गए हैं.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत संकेत दे चुके हैं कि 18 से 44 उम्र के युवाओं को फ्री में वैक्सीनेशन लगाने के लिए वित्तीय संसाधन जुटाना बहुत जरूरी हो गए हैं.

Today’s Gehlot cabinet meeting: आज शाम को 5 बजे सीएमआर में होने वाली गहलोत कैबिनेट की बैठक में राज्य कर्मचारियों के वेतन कटौती (Salary deduction) पर फैसला होने की संभावना जताई जा रही है. इस बैठक में राज्य में कोविड के कारण पैदा हुई परिस्थितयों के मद्देनजर कड़े निर्णय लिये जा सकते हैं.

जयपुर. गहलोत कैबिनेट की आज होने वाली बैठक (Cabinet meeting) में कोरोना काल में बिगड़ी सरकार की आर्थिक स्थिति को देखते हुये राज्य कर्मचारियों के वेतन में एक-दो दिन की कटौती (Salary deduction) पर भी बड़ा निर्णय हो सकता है. हालांकि कैबिनेट सचिवालय ने बैठक का कोई आधिकारिक एजेंडा तो अभी तक जारी नहीं किया है. लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में कई अहम निर्णय लिए जा सकते हैं. कैबिनेट की बैठक मुख्यमंत्री आवास पर शाम 5 बजे होगी. इसके तुरंत बाद मंत्रिपरिषद की बैठक होगी. बैठक में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा भी की जाएगी। गहलोत सरकार राज्य में बेकाबू हो रहे कोरोना संक्रमण पर लगाम लगाने के लिये लॉकडाउन जैसा निर्णय भी ले सकती है. सभी कैबिनेट मंत्री वीसी के माध्यम से बैठक से जुड़ेंगे. इसके साथ ही जो मंत्री जयपुर में है वे सीएमआर में बैठक में भाग लेने जा सकते हैं. पिछले वर्ष भी की थी वेतन में कटौती मुख्यमंत्री अशोक गहलोत संकेत दे चुके हैं कि 18 से 44 उम्र के युवाओं को फ्री में वैक्सीनेशन लगाने के लिए सरकार पर करीब 3000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा. अब सरकार के लिए वित्तीय संसाधन जुटाना बहुत जरूरी हो गए हैं. मुख्यमंत्री ने हाल ही में विधायकों से विधायक फंड से 3 करोड़ तक देने का आग्रह भी किया है. मुख्यमंत्री ने दानदाताओं, भामाशाह और सामाजिक कार्यकर्ताओं से भी दान देने की अपील की है.करीब डेढ़ हजार करोड़ रुपये बचेंगे अब माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री कर्मचारियों के एक-दो दिन के वेतन कटौती के निर्णय पर भी मुहर लगा सकते हैं. कोरोना काल की पहली लहर में भी गत वर्ष सरकार ने कर्मचारियों का वेतन काटा था. बाद में मुख्यमंत्री ने बजट घोषणा में काटे हुए वेतन देने की घोषणा की थी. यदि सरकार वेतन कटौती करती है तो सरकारी खजाने में करीब डेढ़ हजार करोड़ रुपये बचेंगे.





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