राष्ट्रीय
No Road Facility in Kangra Village patient brought to hospital on bed hpvk


महिला मरीज को खटिया पर ले जाते हुए.
No Road Facility in Kangra Village: ब्लॉक देहरा पंचायत सलिहार गांब बलेहडा के प्रधान लवनिश का कहना है की मनरेगा के तहत उक्त सड़क को पहले भी 2 बार सरंक्षण किया जा चुका है, लेकिन एक जगह पर जमीनी विवाद के चलते सड़क नहीं बन पा रही है। जल्द ही मामले का हल निकाला जाएगा और सड़क का निर्माण शीघ्र करवाया जाएगा.
ब्रजेश्वर साकी ज्वालामुखी (धर्मशाला). कोरोना संकट में हिमाचल सरकार की ओर से लगातार मरीजों को हरसंभव मदद की बात कही जा रही है, लेकिन असल सच्चाई क्या है, तस्वीर से साफ हो जाता है. जहां मरीज को एंबुलेंस तक नसीब नहीं हो रही है. हालात ऐसे हैं कि खाट के जरिए मरीज को अस्पताल तक पहुंचाया जा रहा है. मामला हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले से है. भाजपा विधायक रमेश धवाला के इलाके के हर गांव तक एम्बुलेंस या गांव को सड़क तक पहुंचाने का उनका दावा खोखला साबित हो रहा है. उनके ही गुड गवर्नेंस काल में मरीज को खाट पर लादकर अस्पताल ले जाने के लिए ग्रामीण विवश हैं. दरअसल, जिला कांगड़ा उपमंडल ज्वालामुखी की पंचायत सलिहार गांब बलेहडा में सड़क नहीं है. उपमंडल ज्वालामुखी की पंचायत सलिहार गांब बलेहडा में सड़क नहीं होने के अभाव में एक 90 वर्षीय वुजूर्ग महिला मरीज की तबीयत बिगड़ने के बाद अस्पताल ले जाने के लिए परिजनों को खाट का सहारा लेना पड़ा. लोगों ने रखी मांगबलेहडा गांव के लोगों ने एम्बुलेंस रोड़ बनाने की मांग मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर से की है. लोगों का कहना है कि पंचायत प्रतिनिधि जिस रास्ते की रुकावट की बात कर रहे हैं, उसका एक अन्य रास्ता भी स्थायी हल के लिए प्रयोग किया जा सकता है, जोकि फारेस्ट एरिया में पड़ता है. लोगों का कहना है कि फारेस्ट से क्लीयरेंस करवाकर उस रास्ते को एम्बुलेंस रोड़ बनाया जाए, ताकि लोगों को दोबारा इस तरह की परेशानियों का सामना न करना पड़े. क्यों नहीं बन रही सड़क? मामले को लेकर ब्लॉक देहरा पंचायत सलिहार गांब बलेहडा के प्रधान लवनिश का कहना है की मनरेगा के तहत उक्त सड़क को पहले भी 2 बार सरंक्षण किया जा चुका है, लेकिन एक जगह पर जमीनी विवाद के चलते सड़क नहीं बन पा रही है। जल्द ही मामले का हल निकाला जाएगा और सड़क का निर्माण शीघ्र करवाया जाएगा.