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रिहाइशी इलाके में चल रहे आयुर्वेदिक दवाईओं के लाइसेंस पर अलोपेथिक दवाईआं बनाने का काम

शिकायत पहुंची CM दरबार जल्द हो सकती है बड़ी करवाई

जालंध(NIN NEWS): देखा जाये तो दवाई चाहे आयुर्वेदिक हो या एलोपेथिक हो उसका सेवन मनुष्य के शरीर के लिए उतनी देर तक ही सही है, जबतक इन दवाईओं से किसी को नुक्सान न हो, महा नगर में एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है जहा पर एक व्यक्ति द्वारा सरकार द्वारा बनाये माप डाँडो को दर किनार नकारते हुए आयुर्वेदिक दवाईओं का लाइसेंस हासिल कर धोखे से बनायीं जारही है एलोपेथिक दवाईआं जिसे एक तरफ सरकार को तो चुना लगाया जा रहा है, वही बिना लाइसेंस हासिल किये एलोपेथिक दवाईआं त्यार कर के इंसानी जीवन के साथ भी खिलवाड़ किया जा रहा है, सूत्रों की मने तो इस दवाई की फैक्ट्री मालिक द्वारा शरेआम फैक्ट्री के बाहर आयुर्वेदिक दवाईआं बनाने का बोर्ड लगा रखा है। वही मोहल्ला वासियों की मने तो इस उक्त आयुर्देविक दवाईआं बनाने की फैक्ट्री के मालिक द्वारा यह फैक्ट्री PMC एक्ट व बिल्डिंग बयलॉज़ की धज्जियां उड़ा कर रिहाइशी इलाके में बनायीं गयी है जो की जालंधर के मशहूर पंजाबी बाग़ में पड़ती है,

अंत में लोगों का कहना है की इस फैक्ट्री के मालिक द्वारा नेहरी विभाग की जगह पर भी कुछ कब्ज़ा कर रखा है, इतना ही नहीं इस फैक्ट्री के मालिक ने दवाईआं बनाने के वक़्त इस्तेमाल होने वाले केमिकल वअन्य घातक पदार्थो की निकासी सीधे फक्ट्री के पीछे पढ़ती नहर में कर राखी है, जो की पानी में रहने वाले कई जानवरो के साथ और दुधारू पशुओं की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, जिसका सीधे तोर पर मानव जाती पर असर पड़ता है

बने रहे हमारे साथ अगले भाग में और भी बड़े खुलासे

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