अंतरराष्ट्रीयई-पेपरचुनावराजनीतिराष्ट्रीय

आप का वेस्ट मे घटा जनाधार जोकि करारी हार की ओर संकेत देता।

आम आदमी पार्टी का घटता जनाधार वेस्ट में पार्टी की हालत कर रहा पतली

जालंधर (ब्यूरो): जालंधर वेस्ट विधानसभा उपचुनाव का बिगुल बज चुका है और पार्टियों ने अपने उम्मीदवार घोषित करने शुरू कर दिए हैं। आम आदमी पार्टी ने भाजपा से आए मोहिंदर भगत को टिकट दिया है और मोहिंदर भगत वर्करों में फोका जोश भरते दिखाई देते हैं। सियासी हलकों में इस बात की पूरी चर्चा है कि मोहिंदर भगत हार की हैट्रिक बनाएंगे और जिस हलके से वह भाजपा की टिकट पर दो बार हार चुके हैं। वे तीसरी बार आप की तरफ से हार का मुंह देखेंगे।

मोहिंदर भगत जोकि अब वेस्ट हलके के अलावा अर्बन एस्टेट में भी रात गुजारते हैं उनके लिए वेस्ट हलके में दोबारा कनेक्ट हो पाना बहुत मुश्किल है क्योंकि अब स्थितियां बहुत बदल चुकी हैं। भगत बिरादरी के गढ़ भार्गव कैंप में ही आप का जनाधार कम होता जा रहा है तो बाकी वेस्ट हलके की बात ही छोड़िए। लोकसभा चुनाव में सीएम मान ने सभी उम्मीदवारों के लिए पूरे राज्य में काफी प्रचार किया था और दावा किया था कि उनकीपार्टी ‘मिशन 13-0’ के तहत पंजाब की सभी 13 सीटें जीतेगी। 25 दिनों में सीएम ने पूरे राज्य में 122 रैलियां कीं ।

पार्टी नेता राघव चड्ढा और दिल्ली के सीएम और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी राज्य में प्रचार किया था। अपनी छवि खराब करने के अलावा, पंजाब में पार्टी के नेता के तौर पर मुख्यमंत्री की स्थिति भी कमज़ोर हुई है। इतिहासकार परमजीत सिंह जज कहते हं कि अहंकार और अच्छी राजनीति एक साथ नहीं चल सकती। राजनीति तीन तरह की होती है- चुनावी, शासन और विधायी। आप अपने भाषणों में तीनों के लिए एक ही टेम्पलेट का इस्तेमाल नहीं कर सकते।

कैंडीडेट को एक समझदार व्यक्ति होना चाहिए जो हर वर्ग को साथ लेकर चले लेकिन मोहिंदर भगत में यह बहुत बड़ी कमी है। अगर इतिहास की बात करें तो वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में जालंधर से आप की उम्मीदवार ज्योति अक्षरा मान ने 2.54 लाख वोट प्राप्त कर सभी को हैरान कर जालंधर की राजनीति के गणित में बड़ा उलटफेर किया था। उसके बाद विधानसभा और लोकसभा चुनाव में पार्टी को निराशा हाथ लगी। जो शुरुआत मिली थी वह बरकरार नहीं रह पाई और आप का मत प्रतिशत तालिका में ग्राफ तेजी से नीचे चला गया।

2017 में जालंधर जिले में पार्टी एक भी सीट नहीं जीत पाई। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी प्रदर्शन खराब रहा और जस्टिस जोरा सिंह लोक सभा चुनाव हार गए। हालांकि उसके बाद पार्टी को कुछ सफलताएं मिलीं लेकिन अब पार्टी के लिए जालंधर विधानसभा सीट टेढ़ी खीर साबित होगी।

News India Now

News India Now is Government Registered Online Web News Portal.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button