
नगर निगम जालन्धर में के किस्से शहर में आए दिन मशहूर होते है रहते है। जिसके चलते जालन्धर के मीठापुर चौक के समीप बानी 7 अवैध दुकानो की चर्चा निगम के गलियारों में व शहर में खूब छाई हुई है क्योंकि नगर निगम द्वारा इन 7 दुकानों को एक बार नही दो बार सील किया जा चुका है पर नगर निगम द्वारा 2 बार लगाई गई सील को हर बार तोड़ दिया गया। इस बार भी जो सरकारी सील नगर निगम में तैनात मौजूदा बिल्डिंग इंस्पेक्टर व एटीपी द्वारा दूसरी बार लगाई गई थी उसे उक्त बिल्डिंग के मालिक द्वारा एक प्राइवेट बिल्डिंग कॉन्ट्रेक्टर की हौसला अफजाई से तोड़ दिया गया है।

उक्त मालिक व प्राइवेट कांट्रेक्टर ने सरकारी सील को तोड़ कर उसे इटो के साथ ढक दिया गया है ताकि की किसी को ये न पता चल सके कि सील लगी है या तोड़ दी गई है। काफी समय पहले इन अवैध दुकानों को नगर निगम के उक वक्त के बिल्डिंग इम्पेक्टर द्वारा ध्वस्त किया गया था पर पता नही 3 महीने में ये ध्वस्त हुई 7 दुकाने कैसे बन कर तैयार हो गई। उक्त अवैध दुकानों को तैयार करवाने में एक प्राइवेट बिल्डिंग कांट्रेक्टर की भूमिका खास निकल कर सामने आ रही है क्योंकि सूत्रों की माने तो इस प्राइवेट बिल्डिंग कांट्रेक्टर की 12 सेक्टर के मौजूदा बिल्डिंग इंसपेक्टर व उसके साथ काम करने वाले सेवादार के साथ अच्छी यसरी है शायद इस यारी के चलते है उक्त अवैध दुकानों की सरकार लगाई गई सील एक बार नही बल्कि 2 बार तोड़ दी गई है। अब देखना होगा कि नगर निगम के सेक्टर 12 में तैनात बिल्डिंग इंस्पेक्टर व एटीपी की चलती है या एक सेवादर इन से भरी है?

क्या होगी FIR दर्ज या रिपोर्ट-रिपोर्ट का खेल ही खेला जाएगा।
अब देखना होगा कि नगर निगम के उच्च अधिकारी इन उक्त अवैध दुकानों की 2 बार सील तोड़ने वाले बिल्डिंग मालिक व प्राइवेट बिल्डिंग कंट्रैक्टर पर FIR दर्ज करवाते है या फिर उच्च अधिकारी रिपोर्ट रिपार्ट का खेल खेलते रहेंगे? अब ये भी देखना दिलचस्प रहेगा कि नगर निगम के मौजूदा कमिश्नर इस मामले की तह तक जाएंगे या लोग ऐसे ही नगर निगम की लगाई सील को आए दिन तोड़ते रहेंगे?