राष्ट्रीय
क्यों नहीं बढ़ाया जा रहा कोवैक्सीन के दो डोज के बीच टाइम गैप, सरकार ने बताया


कोवैक्सीन को भारत-बायोटेक और आईसीएमआर ने बनाया है.(सांकेतिक तस्वीर)
आईसीएमआर चीफ डॉ. बलराम भार्गव बलराम भार्गव (Dr Balram Bhargava) ने हाल में कहा था कि किसी भी वैक्सीन के टाइम गैप को बढ़ाने का फैसला पहले डोज के प्रभाव के आधार पर लिया जाता है. कोविशील्ड की पहली डोज में ज्यादा इम्युनिटी बनती है जो करीब 12 हफ्ते तक बनी रहती है. इसी वजह से इसका टाइम गैप बढ़ाया गया है. लेकिन ऐसी कोई रिसर्च कोवैक्सीन को लेकर मौजूद नहीं है.
नई दिल्ली. देश में कोरोना वैक्सीनेशन कार्यक्रम (Covid Vaccination Drive) के बीच सीरम इंस्टिट्यूट की वैक्सीन (Covishield) के दो डोज के बीच समय अंतराल कई बार बदला गया है. अब इस वैक्सीन के दो डोज के बीच का अंतर 12 से 16 हफ्ते तक कर दिया गया है. लेकिन इस दौरान भारत-बायोटेक और आईसीएमआर द्वारा बनाई गई कोवैक्सीन (Covaxin) के टाइम गैप को नहीं बदला गया. ये भारत की स्वदेशी वैक्सीन है. अब आईसीएमआर चीफ डॉ. बलराम भार्गव ने कोवैक्सीन के डोज के बीच टाइम गैप न बढ़ाने पर जवाब दिया है. बलराम भार्गव ने हाल में कहा था कि किसी भी वैक्सीन के टाइम गैप को बढ़ाने का फैसला पहले डोज के प्रभाव के आधार पर लिया जाता है. कोविशील्ड की पहली डोज में ज्यादा इम्युनिटी बनती है जो करीब 12 हफ्ते तक बनी रहती है. इसी वजह से इसका टाइम गैप बढ़ाया गया है. लेकिन ऐसी कोई रिसर्च कोवैक्सीन को लेकर मौजूद नहीं है. नई है वैक्सीन, अभी होंगे और परिवर्तन बलराम भार्गव ने यह भी कहा था कि कोरोना वैक्सीन बीते दिसंबर महीने में ही आई हैं. इसलिए कई बदलाव भी आ रहे हैं और अभी आगे भी आते रहेंगे. उन्होंने कहा था-कोविशील्ड की पहली डोज के बाद ही प्रतिरोधक क्षमता में बड़ा अंतर आता है लेकिन कोवैक्सीन के दोनों डोज लेने के बाद ही प्रतिरोधक क्षमता अपने अधिकतम स्तर तक पहुंचती है.बढ़ाया जा रहा है कोवैक्सीन का प्रोडक्शन इससे पहले खबर आई थी कि आईसीएमआर के साथ मिलकर स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन बनाने वाली फार्मा कंपनी भारत-बायोटेक अब प्रोडक्शन बढ़ाने में लगी है. इस साल की आखिरी तिमाही तक कंपनी हर साल 100 करोड़ डोज के हिसाब से उत्पादन बढ़ाने पर काम कर रही है. कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि गुजरात के अंकलेश्वर स्थित चिरोन बेहरिंग वैक्सीन प्राइवेट लिमिटेड में भी 20 करोड़ डोज बनाएगी. ये भारत बायोटेक के स्वामित्व वाली कंपनी है.