नई दिल्ली. केंद्र ने म्यूकरमाइकोसिस (Mucormycosis) के प्रसार को चिंता का कारण बताते हुए सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सलाह दी है कि वे फंगस संक्रमण को रोकने की अपनी तैयारियों तथा अस्पतालों में उपचार और स्वच्छता की समीक्षा करें. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रशासकों को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि वे कोविड-19 अस्पतालों तथा अन्य स्वास्थ्य प्रतिष्ठानों में संक्रमण नियंत्रण और रोकथाम के ठोस तरीके सुनिश्चित करें. भूषण ने अस्पताल संक्रमण नियंत्रण समिति स्थापित करने की भी सलाह दी है और कहा है कि इन समितियों का अध्यक्ष संस्थान प्रमुख या प्रशासक हो. समितियों में संक्रमण रोकथाम एवं नोडल अधिकारी भी हों और इसके लिए किसी सूक्ष्म जीवविज्ञानी तथा वरिष्ठ संक्रमण नियंत्रण नर्स को प्राथमिकता दी जाए.
ये भी पढ़ें- Corona की दूसरी लहर में युवाओं का ‘मजबूत इम्यून सिस्टम’ ही बना जानलेवा, समझें वायरस की चाल उन्होंने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को अस्पताल/स्वास्थ्य प्रतिष्ठानों में संक्रमण नियंत्रण संबंधी राष्ट्रीय दिशा-निर्देशों के अनुरूप संक्रमण रोकथाम नियंत्रण कार्यक्रम तैयार करने एवं क्रियान्वित करने को भी कहा है.केंद्र ने अपनी एडवाइजरी में कहा कि आने वाले समय में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से वेंटिलेटर से जुड़े निमोनिया, कैथेटर से जुड़े रक्त प्रवाह संक्रमण, कैथेटर से जुड़े यूरिनरी ट्रैक्ट संक्रमण, सर्जिकल साइट संक्रमण आदि को लेकर ध्यान से निगरानी करें. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से ब्लैक फंगस संक्रमण (म्यूकरमाइकोसिस) को महामारी रोग अधिनियम 1897 के तहत अधिसूच्य बीमारी बनाकर सभी मामलों की सूचना देने आग्रह किया था. इसके बाद कई राज्यों ने ब्लैक फंगस को महामारी के तौर पर अधिसूचित किया है.
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प्रधानमंत्री ने बताया नई चुनौती वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘‘ब्लैक फंगस’’ को कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में नयी चुनौती करार देते हुए शुक्रवार को कहा कि इससे निपटने के लिए जरूरी सावधानी और व्यवस्था पर ध्यान देना जरूरी है. अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के चिकित्सकों, स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चे पर तैनात अन्य कर्मियों से संवाद करने के बाद अपने संबोधन में मोदी ने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सामूहिक प्रयासों से स्थिति को संभालने में काफी हद तक मदद मिली है लेकिन यह संतोष का समय नहीं है और एक लंबी लड़ाई लड़नी है.
ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर प्रधानमंत्री ने ‘‘जहां बीमार, वहीं उपचार’’ का नारा दिया और छोटे-छोटे निषिद्ध क्षेत्र बनाकर काम करने पर बल दिया. (Disclaimer: यह खबर सीधे सिंडीकेट फीड से पब्लिश हुई है. इसे News18Hindi टीम ने संपादित नहीं किया है.)