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गलवान घाटी में एक बार फिर से नहीं हुई भारत-चीन की झड़प, भारतीय सेना ने किया इनकार

चीन की सेना ने रविवार को कहा कि भारत को पूर्वी लद्दाख में तनाव कम करने के ‘मौजूदा सकारात्मक माहौल’ का पालन चाहिए. (फ़ाइल फोटो)

चीन की सेना ने रविवार को कहा कि भारत को पूर्वी लद्दाख में तनाव कम करने के ‘मौजूदा सकारात्मक माहौल’ का पालन चाहिए. (फ़ाइल फोटो)

India-China Clash: भारतीय सेना की ओर से जारी किए गए आधिकारिक बयान में कहा गया है कि दोनों देशों के बीच किसी भी प्रकार का कोई संघर्ष (Galwan Valley Clash) नहीं हुआ है.

नई दिल्ली. भारतीय सेना (Indian Army) ने उन खबरों का खंडन किया है, जिसमें कहा गया था कि इसी साल मई के पहले सप्ताह में गलवानी घाटी में भारतीय सेना और चीनी सेना (India-China War) के बीच मामूली संघर्ष हुआ है. न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, भारतीय सेना की ओर से जारी किए गए आधिकारिक बयान में कहा गया है कि दोनों देशों के बीच किसी भी प्रकार का कोई संघर्ष (Galwan Valley Clash) नहीं हुआ है. साथ ही कहा गया है कि मीडिया को तब तक कोई रिपोर्ट्स पब्लिश नहीं करनी चाहिए जब तक सेना के किसी आधिकारिक स्त्रोत से पता न चला हो. दरअसल, पिछले दिनों एक अखबार में प्रकाशित हुई थी, जिसमें ये कहा गया है कि मई की शुरुआत में गलवान घाटी में दोनों देशों के बीच मामूली संघर्ष हुआ है. भारतीय सेना ने इस रिपोर्ट पर नाराजगी जाहिर की है. सेना ने कहा कि ’23 मई 2021 को द हिंदू में प्रकाशित “गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ मामूली आमना-सामना” हेड लाइन पर ध्यान दिया गया है. पिछले साल शहीद हुए थे सेना के 20 जवानबता दें कि पिछले साल जून महीने में ही गलवान घाटी में दोनों पक्षों के बीच हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे. उधर, चीन के भी कई जवान मारे गए थे, लेकिन पड़ोसी देश ने कभी भी सही आंकड़ा जारी नहीं किया था. भारत ने उसके बाद चीन ने बदला लेते हुए उसे कई जगहों से पीछे भी खदेड़ा था. ये भी पढ़ें: 17 लाख स्क्वायर किलोमीटर में फैली बर्फ की चादर में पिघलने के संकेत, चिंतित हुए वैज्ञानिक

भारत काफी वक्त से चीनी सेना से गोगरा, हॉट स्प्रिंग और डेपसांग के मैदानी इलाके से सेना हटाने की मांग कर रहा है. स्टैंड ऑफ यानी किसी नतीजे पर न पहुंचने की स्थिति के बाद होतान, गारी गुनसा और काशगर में चीन 200 किलोमीटर तक मारक क्षमता रखने वाली हवाई सुरक्षा बैटरी एचक्यू-9 और फाइटर नेट की मौजूदगी बनाई हुई है. भारत ने भी बड़े स्तर पर अपनी सेना की तैनाती कर रखी है और राफेल जेट को भी आगे के हिस्से में काम पर लगा रखा है.





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