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राजेश कपिल से दस लाख रुपए का राज खुलवाने के लिए सीपी ने बनाई एसआईटी, 2 दिन का रिमांड।

डीसीपी जगमोहन सिंह की सुपरविजन में एडीसीपी (स्पेशल ब्रांच) व एसीपी (इन्वेस्टिगेशन) करेंगे जांच

जालन्धर(रवि कुमार): रवि गिल सुसाइड केस में अरेस्ट किए गए राजेश कपिल, कीर्ति गिल, उसके भाई शुभम गिल और साजन नरवाल उर्फ गोरा को तीन दिन का रिमांड खत्म होने पर शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया। कोर्ट में पुलिस ने कहकर 4 दिन का रिमांड मांगा कि एक बाइक बरामद करनी है।

सुसाइड नोट में मृतक ने लिखा था कि उससे दस लाख रुपए लिए थे। कोर्ट ने 2 दिन के रिमांड पर आरोपियों को पुलिस को सौंप दिया।

दूसरी ओर पुलिस कमिश्नर कुलदीप सिंह चहल ने मामले की निष्पक्ष जांच के लिए एक एसआईटी बना दी है। एसआईटी का चीफ डीसीपी (सिटी) जगमोहन सिंह को बनाया गया है। केस से जुड़े हर पहलू की जांच के लिए एडीसीपी (स्पेशल ब्रांच) हरिंदर सिंह गिल और एसीपी (इन्वेस्टिगेशन) परमजीत सिंह को जिम्मेदारी सौंपी गई है। रवि गिल के समर्थक सीपी से मिले थे। उनका आरोप था कि सही ढंग से जांच नहीं की जा रही है। इसलिए सीपी ने एसआईटी बना दी है, क्योंकि तीन दिन के रिमांड के दौरान भी राजेश कपिल से दस लाख रुपए का राज उगलवा नहीं पाई है। पुलिस मामले की जांच के लिए बरामद मोबाइल फोन की फोरेंसिक जांच करवाएगी।

बता दें कि हफ्ता पहले शास्त्री मार्केट चौक स्थित एक होटल में ऋषि नगर के रवि गिल ने जहर खाकर सुसाइड कर लिया था। पांच पेज के सुसाइड नोट में रवि ने अपनी मौत के लिए महिला मित्र कीर्ति गिल, शुभम गिल, साजन नरवाल उर्फ गोरा और राजेश कपिल को जिम्मेदार ठहराया था। थाना नई बारादरी में आईपीसी की धारा 306 (आत्महत्य के लिए मजबूर करना) और एससी एसटी एक्ट का केस दर्ज किया गया था।

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