राष्ट्रीय
भारत में 7 हजार से ज्यादा ब्लैक फंगस के केस, जानें कितनी खतरनाक है ये बीमारी


देश में ब्लैक फंगस के केस बढ़ रहे हैं. (तस्वीर-pti)
देश में अब तक ब्लैक फंगस के 7 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. अब तक 200 से ज्यादा लोग इस बीमारी की वजह से जान गंवा चुके हैं. केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से कहा है कि ब्लैक फंगस को Epidemic Diseases Act के तहत नोटिफाई करने को कहा है.
नई दिल्ली. कोरोना वायरस की दूसरी लहर (2nd Wave Of Covid-19) कमजोर पड़ने के साथ ही एक अन्य घातक बीमारी कोविड मरीजों के बीच फैल रही है. देश में अब तक ब्लैक फंगस (Black Fungus) के 7 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. अब तक 200 से ज्यादा लोग इस बीमारी की वजह से जान गंवा चुके हैं. केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से कहा है कि ब्लैक फंगस को Epidemic Diseases Act के तहत नोटिफाई करने को कहा है. तमिलनाडु, ओडिशा, असम, पंजाब ने म्यूकरमाइकोसिस यानी ब्लैक फंगस को महामारी रोग अधिनियम (Epidemic Diseases Act 1897) के तहत अधिसूचित किया है. राजस्थान पहले ही ब्लैक फंगस को महामारी के तहत अधिसूचित कर चुका है. सबसे ज्यादा केस और मौतें महाराष्ट्र में, फिर गुजरात और मध्य प्रदेश का नंबर अब तक इस बीमारी के कुल 7250 मामले सामने आए हैं. इस बीमारी के सबसे ज्यादा केस और मौतें महाराष्ट्र में हुई हैं. इसके बाद गुजरात और मध्य प्रदेश का नंबर है. गुजरात में 1163 मामले आए हैं और 63 मौतें हुई हैं. मध्य प्रदेश में 575 मामले आए हैं. 31 मौतें हुई हैं. अन्य राज्यों में भी इसके केस आ रहे हैं.म्यूकरमाइकोसिस या फिर ब्लैक फंगस क्या है? पहली स्लाइड पर म्यूकरमाइकोसिस क्या होता है, ये बताया गया है. इसमें लिखा है कि म्यूकरमाइकोसिस एक फंगल इन्फेक्शन है, जो उन लोगों में ज्यादा देखने को मिल रहा है, जिन्हें पहले से कोई बीमारी हो और जो वातावरण में मौजूद रोगाणुओं से लड़ने में अक्षम हों. कोई व्यक्ति म्यूकरमाइकोसिस से कैसे संक्रमित हो जाता है?
ऐसे लोग जो पहले से किसी बीमारी से ग्रस्त हों, जिनकी वेरिकोनाज़ोल थेरेपी यानि किसी गंभीर फंगल इन्फेक्शन का इलाज चल रहा हो, जिनका डायबिटीज नियंत्रण में न हो, स्टेरायड देने की वजह से इम्यूनिटी पर असर हुआ हो और जो लंबे वक्त से आईसीयू में रहे हैं. उन्हें ये फंगल इन्फेक्शन जल्दी हो सकता है.
ऐसे लोग जो पहले से किसी बीमारी से ग्रस्त हों, जिनकी वेरिकोनाज़ोल थेरेपी यानि किसी गंभीर फंगल इन्फेक्शन का इलाज चल रहा हो, जिनका डायबिटीज नियंत्रण में न हो, स्टेरायड देने की वजह से इम्यूनिटी पर असर हुआ हो और जो लंबे वक्त से आईसीयू में रहे हैं. उन्हें ये फंगल इन्फेक्शन जल्दी हो सकता है.