नगर निगम जालन्धर में खुद को सिंघम मनाने वाले ATP की कार्यवाही सिर्फ कागजों के लिए!
जालन्धर(राजीव धामी): जालन्धर नागर निगम वैसे तो शहर में चर्चा का विषय बना रहता है। अगर बात करें जालन्धर नगर निगम के बिल्डिंग विभाग की तो आज कल बिल्डिंग विभाग का एक एटीपी सुखदेव वशिष्ट जिसे लोग सिंघम या यूं कहें कि वो नगर निगम जालन्धर का सिंघम मानते है।
आपको बता दे ये वो सिंघम है जो अपना पेपर वर्क तो पूरा रखते है और खाना पूर्ति के लिए अपने एरिया में पिला पंजा चलाने व सीलिंग करने में कोई कस्सर नही छोड़ते पर पता नही क्यों कुछ ही समय बाद इनकी की गई कार्यवाही के बादवजूद अवैध निर्माण फिर से दुगनी तेजी से शुरू हो जाता है क्या वाक्य ये सिंघम है या इस सिंघमगिरी में कुछ काला है?
ऐसा ही एक किस्सा इनका कुछ दिन पहले दबे पांव सुनने को मिला था जहाँ पर अगर लोगो की माने तो उक्त सिंघम ने एक बिल्डिंग के निर्माण व निर्माणकर्ता को सलाह देने पर काफी काली दाल खाई थी अब इसमे कितना सच ये तो सिंघम ही जाने या तो बिल्डिंग का मालिक।
कुछ पहले उक्त एटीपी सिंघम द्वारा अपनी सिंघमगिरी दिखते हुए एक कॉलिनी को ध्वस्त किया गया जहाँ पर आज की तारीख में भू माफिया के लोगो द्वारा फिर से अवैध कॉलोनी में अवैध निर्माण शुरू कर दिए है। अब सवाल ये खड़ा होता है कॉलोनी को ध्वस्त करने ने बाद फिर से अवैध निर्माणों के काम कैसे शुरू हुआ जो कि नगर निगम जालन्धर की बिल्डिंग विभाग में चर्चा का विषय बना हुआ है।
ऐसे कई किस्से है जो उक्त सेवभु सिंघम एटीपी की हर की गई कार्यवाही व सीलिंग पर सवालिया निशान खड़े करते है जिसकी परत दर परत हम अगले भाग में खोलेंगे।