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Positive India: सिपाहियों के साहेब, कोरोना मरीजों के लिए डॉक्टर; ये हैं कोडरमा के पुलिस कप्तान


कोडरमा के एसपी डॉ. एहतेशम वकारिब बीते दिनों अस्पताल में कोरोना के मरीजों को सलाह देते नजर आए.
झारखंड के कोडरमा जिले के पुलिस कप्तान डॉ. एहतेशाम वकारिब, पुलिस सेवा में आने से पहले एमबीबीएस और एमडी की डिग्री ले चुके हैं. कोरोनाकाल में वे लॉकडाउन के नियमों का पालन कराने के साथ-साथ अस्पतालों में मरीजों को सलाह देते नजर आ रहे हैं.
रिपोर्ट – रितेश लोहानी कोडरमा. कोरोना से लड़ाई के दौरान फ्रंटलाइन वॉरियर्स के रूप में पुलिस की चर्चा खूब होती है. पुलिसवाले अपनी जान जोखिम में डालकर मरीजों को हॉस्पिटल पहुंचाने से लेकर वे सारे काम कर रहे हैं, जो काबिल-ए-तारीफ है. इसी क्रम में झारखंड के कोडरमा जिले के एसपी डॉ. एहतेशाम वकारिब का जिक्र भी लाजिमी है, जो पेशे से एक आईपीएस ऑफिसर हैं, लेकिन उससे पहले एक डॉक्टर. जी हां, कोडरमा के एसपी ने एमबीबीएस और एमडी की डिग्री लेने के बाद भारतीय पुलिस सेवा की नौकरी शुरू की थी. इसलिए कोरोनाकाल में वे अपनी दोहरी भूमिका निभा रहे हैं. कोडरमा की सड़कों पर गश्त लगाते हुए एहतेशाम वकारी जहां लॉकडाउन का नियम पालन कराते नजर आते हैं, तो वहीं आप उन्हें अस्पतालों में कोरोना मरीजों का इलाज करते हुए भी देख सकते हैं. एमबीबीएस और एमडी की पढ़ाई पूरी करने के बाद इंडियन पुलिस सर्विस ज्वाइन कर एहतेशाम वकारिब इन दिनों कोडरमा के एसपी के पद पर तैनात हैं. इसलिए जिले के पुलिस कप्तान के साथ-साथ वे कई मौकों पर डॉक्टर की भूमिका में भी नजर आते हैं. जिले के सुदूरवर्ती इलाके गझंडी, सतगावां, बेंदी आदि इलाकों में पुलिस अधीक्षक ने सामुदायिक पुलिसिंग के तहत आयोजित कार्यक्रमों में एसपी के साथ-साथ कई लोगों की जांच भी की और उन्हें दवा व जरूरी सलाह दी. पिछले महीने एसपी एहतेशाम वकारिब जब कोरोना पॉजिटिव पाए गए, तो उन्होंने खुद को घर में आइसोलेट कर लिया. इस दौरान घर में रहते हुए ही वे वीडियो मैसेज के जरिए अन्य मरीजों को डॉक्टरी सलाह भी देते रहे. लोगों को कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने, मरीजों को सलाह देना उनके रूटीन में शामिल था. होम आइसोलेशन में रहने के बाद 10 मई को उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई, जिसके बाद वे फिर से एसपी और डॉक्टर की ड्यूटी पर लौट आए.बीते दिनों पुलिस अधीक्षक डॉ. एहतेशाम वकारिब जिला मुख्यालय स्थित सरकारी डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल पहुंचे. वहां उन्होंने विधि व्यवस्था का जायजा लेने के बाद कोविड वार्ड में पहुंचकर मरीजों से हाल-चाल पूछा और अटेंडेंट से बातें की. इस दौरान उन्होंने दर्जनों मरीजों से मुलाकात कर कोरोना से जंग जीतने में अपना अनुभव साझा करते हुए उनका हौसला बढ़ाया.