राष्ट्रीय
टीके की उपलब्धता को लेकर आप और भाजपा में वाकयुद्ध


कोरोना वायरस टीकाकरण के मामले में कई राज्यों ने वैक्सीन की कमी की शिकायत की है. फाइल फोटो
Coronavirus Vaccine shortage in India: उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को केंद्र सरकार पर कोरोना वायरस टीकाकरण कार्यक्रम में ‘कुप्रबंधन’ का आरोप लगाया.
नई दिल्ली. आम आदमी पार्टी (आप) ने सोमवार को आरोप लगाया कि केंद्र लोगों की जिंदगियों के साथ खिलवाड़ कर रहा है और वह दो कंपनियों को कोविड टीके बनाने की अनुमति देकर अपने कर्तव्य की इतिश्री मान रहा है. वहीं भाजपा की दिल्ली इकाई ने आप के बयान को ‘भावनात्मक झांसा’ करार दिया. आप प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि पार्टी मांग करती है कि केंद्र सरकार तत्काल युद्धस्तर पर देशभर में टीकाकरण कार्यक्रम शुरू करे. उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘भाजपा शासित केंद्र सरकार ने हमारे देश के लोगों के सामने झूठ बोला कि राज्य टीके की खरीद के लिए वैश्विक निविदा निकाल सकते हैं. लेकिन इन कंपनियों ने तो राज्यों को सूचित किया है कि वे केंद्र की मंजूरी के बगैर हमें टीके नहीं दे सकती हैं.’’भारद्वाज ने कहा, ‘‘ करीब 85 देश फाइजर के टीके, 46 देश मॉडर्ना के टीके का और 41 देश जॉनसन एंड जॉनसन टीके का इस्तेमाल कर रहे हैं. लेकिन भाजपा शासित केंद्र सरकार ने इनमें से किसी भी कंपनी को हमारे देश में टीके बनाने की इजाजत नहीं दी.’’ उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र, भारत में बस दो कंपनियों को टीके का निर्माण करने की इजाजत देकर अपने कर्तव्य की इतिश्री मान रहा है और वह भारतीयों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहा है.’’ इन आरोपों पर तीखा पलटवार करते हुए प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि टीके की कमी को लेकर आप नेता सौरभ भारद्वाज का बयान कुछ नहीं बल्कि आम आदमी पार्टी का ‘भावनात्मक झांसा’ है. उन्होंने कहा, ‘‘इसमें कोई शक नहीं है कि बच्चों एवं युवाओं समेत सभी का शीघ्र टीकाकरण अहम है, लेकिन इस मुद्दे पर राजनीति करना उपयुक्त नहीं है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह बड़ा अजीब है कि भारद्वाज और अन्य नेता विदेशी विनिर्माताओं को मंजूरी दिलाने के लिए इतना सक्रिय हैं, लेकिन जब उनसे भारत बायोटेक या सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (दोनों भारतीय कंपनियां) को सत्यापित आर्डर एवं अग्रिम भुगतान के संबंध में सबूत मांगा जाता है तो वे चुप्पी साध लेते हैं. यही इस मामले में दिल्ली सरकार की विश्सनीयता की पोल खोल देता है.’’कपूर ने कहा, ‘‘विदेशी टीकों के पक्ष में बोल रहे आप नेताओं को याद रखना चाहिए कि महंगे होने के अलावा विदेशी टीके के साथ अति निम्न तापमान पर भंडारण जैसी कई तकनीकी दिक्कतें हैं.’’इससे पहले उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को केंद्र सरकार पर कोरोना वायरस टीकाकरण कार्यक्रम में ‘कुप्रबंधन’ का आरोप लगाया और कहा कि उसने विदेशी कंपनियों के टीकों को मंजूरी दिये बिना ही राज्यों को खुराकों के लिए वैश्विक निविदाएं निकालने के लिए कह दिया. उपमुख्यमंत्री ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन को लिखे पत्र में आरोप लगाया है कि देश में युवाओं का टीकाकरण नीतिगत ‘गलत कदम’ के चलते ‘अस्तव्यस्त’ हो गया.