लक्षद्वीप. प्रशासक प्रफुल पटेल को लेकर लक्षद्वीप में विरोध तेज हो रहा है. खबर है कि इसका कारण उनकी तरफ से लाई गई नीतियां हैं, जिसका विरोध राजनीतिक से लेकर सामाजिक स्तर पर जारी है. इसमें बीफ पर प्रतिबंध (Beef Ban) से लेकर गुंडा एक्ट तक शामिल है. केरल की सत्तारूढ़ सीपीआई (एम) से लेकर कांग्रेस समेत काई राजनीतिक दलों ने नई पॉलिसी की आलोचना की है. साथ ही पटेल को केंद्र शासित प्रदेश में कोविड-19 (Covid-19) के बढ़ते मामलों का जिम्मेदार भी ठहराया जा रहा है.
क्या कहती हैं नई नीतियां प्रफुल पटेल ने बीते साल दिसंबर में लक्षद्वीप के प्रशासक के तौर पर जिम्मेदारी संभाली थी. इसके बाद से उन्होंने कुछ मसौदे तैयार किए हैं. इनमें एनिमल प्रिजर्वेशन रेग्युलेशन, लक्षद्वीप प्रिवेंशन ऑफ एंटी सोशल एक्टिविटीज रेग्युलेशन, लक्षद्वीप डेवलपमेंट अथॉरिटी और लक्षद्वीप पंचायट स्टाफ रूल्स में संशोधन शामिल है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, लक्षद्वीप डेवलपमेंट अथॉरिटी को लेकर बवाल ज्यादा हो रहा है. केंद्र शासित प्रदेश में सांसद मोहम्मद फैजल इसे लोगों की जमीन हड़पने की कोशिश बताते हैं. उन्होंने कहा कि इसके बाद अथॉरिटी को मालिकों के हितों की सुरक्षा किए बगैर जमीन पर कब्जा करने की ताकत मिल जाएगी. फैजल ने कहा, ‘यहां सड़कों को नेशनल हाईवे मानकों के हिसाब से तैयार करने की कोशिश की जा रही है. लक्षद्वीप के बड़े हाईवे की जरूरत क्या है? प्रशासक यहां लोगों के व्यापारिक हितों को बढ़ा रहे हैं.’यहां की 90 फीसदी आबादी मुस्लिम है. ऐसे में बीफ पर प्रतिबंध होने से क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है. लक्षद्वीप की 90 फीसदी आबादी मुस्लिम है. ऐसे में बीफ पर प्रतिबंध होने से क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है. इसके अलावा देश में सबसे कम जन्म दर और सबसे कम अपराधरिक मामलों वाले इस केंद्रशासित प्रदेश में गुंडा एक्ट तथा दो से ज्यादा बच्चों वाले लोगों के पंचायत चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध का खूब विरोध हो रहा है. मसौदे के अनुसार, कोई भी व्यक्ति प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से लक्षद्वीप में कहीं भी किसी भी रूप में बीफ या बीफ उत्पादों की बिक्री, स्टोरेज, ट्रांसपोर्टेशन नहीं करेगा. पटेल के विरोध को लेकर केरल के सीएम पिनराई विजयन ने सोमवार को कहा कहा कि प्रशासक के कामों ने केरल की संस्कृति और लक्षद्वीप के लोगों के सामने गंभीर चुनौती पेश कर दी है.

प्रशासक का पक्ष जबकि, पटेल का कहना है कि लक्षद्वीप ने आजादी के बाद 70 सालों से कोई विकास नहीं देखा है और उनका प्रशासन केवल इसका विकास करने की कोशिश कर रहा है. फैजल ने आरोप लगाए थे कि पटेल ने बगैर विचार विमर्श के ये ड्राफ्ट तैयार किए हैं. वहीं, प्रशासक का कहना है कि स्थानीय सांसद ने अपने विरोध को लेकर उनके साथ कोई चर्चा नहीं की है.