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Coronavirus in india Oxygen Demand Drops Sharply inStates Some Even Have Buffer Stocks

देश से ऑक्सीजन संकट हुआ दूर!  (प्रतीकात्मक तस्वीर)

देश से ऑक्सीजन संकट हुआ दूर! (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Coronavirus In India: तमिलनाडु में ऑक्सीजन आवंटन में वृद्धि देखी जा रही है क्योंकि यहां तेजी से नए मामले पाए जा रहे हैं. फिलहाल राज्य में 3 लाख से अधिक एक्टिव केस हैं.

नई दिल्ली. देश में कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus In India) के नए मामलों और एक्टिव केस में कमी के साथ ही राज्यों द्वारा ऑक्सीजन की मांग (Oxygen Demand In India) में भी गिरावट आई है. कई राज्यों में तो फिलहाल बफर स्टॉक तक है. उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश और दिल्ली जैसे राज्यों से ऑक्सीजन की मांग कम हुई है. केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने News18 को बताया ‘प्रमुख राज्यों में ऑक्सीजन की कमी, अप्रैल के अंत और मई की शुरुआत में देखी गई, यह पुरानी बात है. राज्यों पर उनके राजनीतिक विरोधियों द्वारा केस और मौतों के आंकड़ों में हेराफेरी करने का आरोप लगाया जा रहा है, लेकिन कई राज्यों में ऑक्सीजन की मांग में गिरावट से पता चलता है कि मामले वास्तव में तेजी से कम हो रहे हैं.’ कांग्रेस शासित राजस्थान ने इस महीने की शुरुआत में 585 मीट्रिक टन (एमटी) तक अपनी दैनिक ऑक्सीजन आपूर्ति प्राप्त करने के लिए प्रधान मंत्री के समक्ष अपनी बात रखी थी. राज्य में 12 मई को लगभग 2.1 लाख केस एक्टिव थे. सीएम अशोक गहलोत ने इसके लिए व्यक्तिगत रूप से पीएम नरेंद्र मोदी से अपील की थी. वहीं अब बात करें तो राजस्थान की मांग घटकर केवल 325 मीट्रिक टन प्रतिदिन रह गई है, क्योंकि एक्टिव केस 90,000 से नीचे चले गए हैं, जिससे राज्य में ऑक्सीजन का बफर स्टॉक हो गया है. उत्तर प्रदेश में जहां 1 मई को एक्टिव केस तीन लाख से अधिक थे, वह अब घटकर केवल 62,000 रह गए हैं, और ऑक्सीजन की मांग भी गिरकर लगभग 600 मीट्रिक टन प्रतिदिन हो गई है. यूपी में ऑक्सीजन की मांग 1200 मीट्रिक टन तक पहुंच गई थी. बिहार में, ऑक्सीजन की दैनिक मांग 400 मीट्रिक टन से घटकर लगभग 274 मीट्रिक टन हो गई है, जबकि मध्य प्रदेश में, ऑक्सीजन की मांग 513 मीट्रिक टन से घटकर फिलहाल 380 मीट्रिक टन हो गई है. तमिलनाडु की सप्लाई बढ़ाईदिल्ली सरकार ने पिछले सप्ताह दिल्ली हाईकोर्ट को यह भी बताया था कि दिल्ली में ऑक्सीजन की आवश्यकता 700 मीट्रिक टन की शुरुआती मांग से कम हो गई और राजधानी को अब लगभग 500 मीट्रिक टन ऑक्सीजन ही चाहिए. बाकी ऑक्सीजन को अन्य राज्यों को आवंटित किया जा सकता है.

हालांकि तमिलनाडु में ऑक्सीजन आवंटन में वृद्धि देखी जा रही है क्योंकि यहां तेजी से नए मामले पाए जा रहे हैं. फिलहाल राज्य में 3 लाख से अधिक एक्टिव केस हैं. पीएम ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की 8 मई को राज्य के लिए ऑक्सीजन आवंटन को 220 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 440 मीट्रिक टन करने की मांग को स्वीकार कर लिया था. बाद में आवंटन को बढ़ाकर 519 मीट्रिक टन और इस सप्ताह 650 मीट्रिक टन कर दिया गया. केरल के लिए ऑक्सीजन आवंटन भी 400 मीट्रिक टन से अधिक है क्योंकि राज्य में अब 2.5 लाख से अधिक एक्टिव केस हैं. 10-12% एक्टिव केस में ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है.





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