राष्ट्रीय

श्रीलंका में जहाज पर लगी आग को बुझाने में जुटे भारत के वैभव और व्रज, मीलों तक दिख रहा है धुआं

मंगलवार को एक विस्फोट के बाद, जहाज में से चालक दल के 25 कर्मियों को बचाया गया है.

मंगलवार को एक विस्फोट के बाद, जहाज में से चालक दल के 25 कर्मियों को बचाया गया है.

कोस्टगार्ड को ख़बर मिलते ही तूतीकोरिन में जो तैनाज जहाज वैभव जो कि समुद्र में था उसे कोलंबो की तरफ रवाना किया गया. मौसम ख़राब था बारिश तेज थी और समुद्र में तेज हवाओं के साथ ऊंची लहरे उठ रही थी. इसके बावजूद भारतीय कोस्टगार्ड का जहाज महज़ 6 से 7 घंटे में घटना स्थल तक पहुंच गया.

नई दिल्ली. चक्रवाती तूफान ताउते, उसके बाद यास से आई तबाही का राहत व बचाव कार्य अभी खत्म भी नहीं हुआ था कि भारतीय तट रक्षक बल एक और ऑपरेशन में जुट गया है. ये ऑपरेशन है श्रीलंका के कोलंबो तट के पास एक मालवाहक जहाज में लगी आग को बुझाने का. मर्चेंट वेसेल एक्सप्रेस पर्ल जो कि चीन में निर्मित हुआ है सिंगापुर की एक कंपनी के संचालन में ये जहाज गुजरात के हजीरा से कोलंबो जा रहा था. 21 मई को कोलंबो से 9 नॉटिकल मील पहले ही इस जहाज में आग लग गई. जहाज में आग लगने की जानकारी श्रीलंका में मौजूद भारतीय दूतावास के जरिए कोस्टगार्ड को दे दी गई थी. पहले तो आग छोटी थी तो श्रीलंका के नौसेना ने इस पर क़ाबू कर लिया था, लेकिन 25 मई को अचानक विस्फोट हुआ और फिर से जहाज में आग लग गई. आग इतनी बड़ी हो गई कि पूरा जहाज धू-धू कर के जलने लगा. मीलों तक जहाज में लगी आग का धुआं दिखाई दिया. इसके बाद श्रीलंका ने भारत से आग बुझाने के लिए मदद मांगी. भारतीय जहाज ‘वैभव’ को तुरंत किया गया रवानाकोस्टगार्ड को ख़बर मिलते ही तूतीकोरिन में जो तैनाज जहाज वैभव जो कि समुद्र में था उसे कोलंबो की तरफ रवाना किया गया. मौसम ख़राब था बारिश तेज थी और समुद्र में तेज हवाओं के साथ ऊंची लहरे उठ रही थी. इसके बावजूद भारतीय कोस्टगार्ड का जहाज महज़ 6 से 7 घंटे में घटना स्थल तक पहुंच गया. इसके साथ ही कोस्टगार्ड के दो और जहाज वज्र को आग बुझाने और प्रदूषण सामग्री के साथ रवाना किया गया. साथ ही एक डॉर्नियर विमान भी राहत बचाव कार्य के लिए कोलंबो भेजा गया. इस तरह की आग को बुझाना होता है मुश्किल इस पूरे ऑपरेशन को कोस्टगार्ड के डीडीजी ऑपरेशन आईजी के आर सुरेश खुद मॉनिटर कर रहे हैं. उनके मुताबिक़ इस तरह के ऑपरेशन की सबसे बड़ी चुनौती ये होती है कि भड़की आग को कैसे रोका जाए, क्योंकि ऑक्सीजन, फ्रीरैडिकल, ज्वलनशील पदार्थ और गर्मी के कारण आग को बुझाने में परेशानियां होती है. लिहाजा सबसे पहले ऑक्सीजन को खत्म करने के लिए फोम का इस्तेमाल किया गया. फिर बाउंड्री कूलिंग का काम शुरू किया गया. इसी दौरान श्रीलंका के हेलिकॉप्टर आग बुझाने वाले पाउडर डाल रहे थे, जिसे कोलंबो की तरफ रवाना किया गए कोस्टगार्ड के पास जो भी जहाज है वो मल्टी मिशन प्लेटफ़ॉर्म है जो कि किसी भी समय आग बुझाने का काम कर सकते हैं.
समुद्र में तेल फैलने से रोकना है सबसे बड़ी चुनौती समुद्र में फैले तेल के प्रदूषण से निपट सकते है. जहाज में 322 मैट्रिक टन तेल मौजूद है हालांकि ये जहाज डबल हल है तो फिलहाल किसी तरह का तेल का रिसाव तो दिख नहीं रहा है लेकिन जैसे ही टूटेगा तो तेल बाहर आएगा. समुद्र मे तेल के प्रदूषण एक सबसे बड़ी चुनौती है. इसको रोकने के लिए श्रीलंका ने भारत से मदद मांगी है.

डिप्टी डॉयरेक्टर जनरल (ऑपरेशन) के आर सुरेश के मुताबिक फिलहाल जो धुआं उठ रहा है उसका रंग अब काले से सफ़ेद होता जा रहा है जिसका मतलब है कि जो ज्वलनशील पदार्थ है वो जल कर कम हो गया है. हम लगातार नजर बनाए हुए है. इस जहाज में तकरीबन 1500 के क़रीब कंटेनर लदे हुए थे, जिसमें नाइट्रिक एसिड भी मौजूद था. आग लगने के बाद 15-20 कंटेनर समुद्र में गिर गए. जिस वक़्त इस जहाज में आग लगी थी तो उस वक़्त में कुल 25 लोग सवार थे जिमें 5 भारतीय भी शामिल थे जिन्हें श्रीलंका प्रशासन ने पहले ही सुरक्षित निकाल लिया था. 2020 में भी हुआ था इस तरह का हादसा इसी तरह का एक हादसा साल 2020 में श्रीलंका तट के पास MT न्यू डायमंड ऑयल टैंकर में भीषण आग लगी थी. उस जहाज में 2.7 लाख मैट्रिक टन तेल था उस वक़्त भी भारतीय कोस्ट गार्ड की मदद मांगी गई थी.





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