राजस्थान में अब कोरोना वैक्सीनेशन का भी होगा ऑडिट, स्वास्थ्य सचिव ने जारी किये आदेश
सरकार ने जिला कलेक्टर्स के माध्यम से वैक्सीन की ऑडिट करवाने के निर्देश दिये हैं.
Politics on corona vaccination: राजस्थान में लगातार कोरोना वैक्सीन की बर्बादी की मीडिया में आ रही रिपोर्ट्स के बाद अब राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि वह इसकी भी ऑडिट (Audit) करवायेगी. ऑडिट के आदेश जारी कर दिये गये हैं.
जयपुर. राजस्थान में कोरोना वैक्सीनेशन (Corona vaccination) को लेकर चल रही राजनीति में अब नया मोड़ आ गया है. कोरोना वैक्सीन की बर्बादी की खबरों के बीच अब राज्य सरकार ने इसका भी ऑडिट (Audit) करवाने का भी फैसला किया है. प्रदेश में इससे पहले जब कोरोना मौतों के आंकड़ों पर बवाल मचा तो सरकार ने उसकी भी ऑडिट करवाने के आदेश दिये थे.
वैक्सीन को लेकर राज्य और केन्द्र सरकार में चल रही तकरार के बीच मीडिया में वैक्सीन डोज की बर्बादी वाली नित नई रिपोर्ट्स आ रही है. इसको लेकर बीजेपी और कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जोरों से चल रहा है. वैक्सीन वेस्टेज की खबरों के बाद अब राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि वह कोविड वैक्सीनेशन का भी ऑडिट करवायेगी. इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव अखिल अरोड़ा ने आदेश जारी कर दिये हैं. अरोड़ा ने जिला कलेक्टर्स के माध्यम से वैक्सीन ऑडिट करवाने के निर्देश दिये हैं. इसके साथ ही सभी जिलों के सीएमएचओ को दिए निर्देश दिये गये हैं कि वे वैक्सीनेशन सेंटर का साप्ताहिक रूप से निरीक्षण करें.
जिला कलेक्टर के माध्यम से करवायी जायेगी ऑडिट
प्रमुख शासन सचिव अखिल अरोड़ा ने बताया कि कुछ स्थानों पर वैक्सीन के वेस्टेज के संबंध में समाचार प्रकाशित हुए हैं. प्रारंभिक जांच में इस प्रकार वैक्सीन की वेस्टेज कहीं भी नहीं पाई गई है. उन्होंने बताया कि इसके बावजूद हाईलाइट किए गए स्थानों की जिला कलेक्टर के माध्यम से विशेष रूप से वैक्सीन ऑडिट करवाने के निर्देश दिए गए हैं. प्रदेश के सभी जिलों में वैक्सीन के संबंध में जारी गाइडलाइन की अनुपालना भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं.प्रदेश में वैक्सीन का वेस्टेज मात्र 2 प्रतिशत से कम है
राज्य सरकार का दावा है कि कोविड-19 वैक्सीनेशन कार्यक्रम के तहत अब तक 1 करोड़ 66 लाख से अधिक लोगों को वैक्सीन लगाकर राजस्थान देशभर में अग्रणी है. प्रदेश में वैक्सीन का वेस्टेज मात्र 2 प्रतिशत से कम है जो केंद्र की ओर से अनुमत सीमा 10 प्रतिशत तथा वैक्सीन वेस्टेज के राष्ट्रीय औसत 6 प्रतिशत से बेहद कम है.