यास पर PM मोदी की बैठक को लेकर ममता बनर्जी के दावों का सच और झूठ यहां जानिये
ममता बनर्जी के बयानों की हकीकत की पड़ताल. (File pic)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के शामिल न होने के बाद उठा विवाद काफी आगे बढ़ गया है.
नई दिल्ली. यास तूफान (Yaas Cyclone) ने पिछले दिनों पश्चिम बंगाल (West Bengal) और ओडिशा समेत पश्चिम तटीय क्षेत्रों में कहर बरपाया था. चक्रवाती तूफान को लेकर राहत के कदमों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के शामिल न होने के बाद उठा विवाद काफी आगे बढ़ गया है. ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार से तत्कालीन मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय को दिल्ली बुलाने के आदेश को वापस लेने को कहा था. फिर उन्हें अपना मुख्य सलाहकार बनाने की घोषणा कर दी थी. इसके साथ उन्होंने इस संबंध में कई बयान दिए थे. यहां हम आपको बताते हैं उनके बयानों के सच और झूठ के बारे में…
1. बयान: मुझे पीएम के कार्यक्रम और बैठक के बारे में देर से सूचित किया गया. मैंने प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के लिए अपना कार्यक्रम छोटा कर दिया.
तथ्य: पीएम मोदी का दौरा चक्रवात यास के कारण हुए नुकसान का आकलन करने के लिए था, इसलिए चक्रवात आने से पहले इसे अंतिम रूप नहीं दिया जा सकता था. असल में उसी समयसीमा का पालन किया गया जब पीएम ने पिछले साल चक्रवात अम्फान के बाद पश्चिम बंगाल का दौरा किया था. इस बार ओडिशा और पश्चिम बंगाल, दोनों को एक ही समय पर सूचित किया गया था. हालांकि ओडिशा ने कार्यक्रम का प्रबंध बहुत अच्छी तरह से किया, जो कि बंगाल के दौरे से पहले था.
2. बयान: मैंने पीएम से मिलने का इंतजार किया.तथ्य: पीएम मोदी दोपहर 01:59 बजे कलाईकुंडा पहुंचे थे. पीएम के बाद 02:10 बजे ममता बनर्जी कलाईकुंडा पहुंची थीं. यह स्पष्ट है कि पीएम ममता बनर्जी का इंतजार करते रहे क्योंकि वह उनसे काफी पहले पहुंचे थे. इस बात की पुष्टि टीएमसी सांसद ने भी की जिन्होंने ट्वीट किया था कि पीएम को इंतजार में रखना कोई बड़ी बात नहीं है. हेलीकॉप्टर से उतरकर वह करीब 500 मीटर दूर सभा भवन में पहुंचीं. पीएम से मुलाकात के बाद वह 02:35 बजे अपनी अगली यात्रा के लिए रवाना हुईं. तो वास्तव में उन्होंने 500 मीटर का सफर करके पीएम से मुलाकात की और 25 मिनट में चली गईं. वह पीएम के जाने से पहले चली गईं, जो स्पष्ट रूप से प्रोटोकॉल के विपरीत है. साफ है कि ममता बनर्जी का इंतजार करने का बयान पूरी तरह झूठा है और उन्होंने पीएम को इंतजार कराया.
2. बयान: मेरे कार्यक्रम पहले से तय थे. जरूरी नहीं कि हर बार मुख्यमंत्री रिसीव करे. कई बार कुछ अन्य कार्यक्रम भी पहले से तय होते हैं.
तथ्य: ममता बनर्जी ने मीटिंग में शामिल होने के लिए हांमी भरी थी. हालांकि उन्होंने बाद में मन बदल लिया क्योंकि उन्हें पता चल गया कि मीटिंग में नेता प्रतिपक्ष भी शामिल होंगे. यह बात भी पहले से उन्हें बताई गई थी. इसलिए यह तो तय है कि उनके पूर्वनिर्धारित कार्यक्रमों की बात सही नहीं है. इस बात की पुष्टि पश्चिम बंगाल के गवर्नर ने भी थी. उन्होंने ट्वीट कर बताया था कि ममता ने कहा है कि अगर नेता प्रतिपक्ष शामिल हुए तो वो मीटिंग का बॉयकाट करेंगी.
4. बयान: ममता ने कहा कि उनसे सागर में 20 मिनट इंतजार करने को कहा गया क्योंकि पीएम का विमान लैंड करने वाला था.
तथ्य: ममता बनर्जी को पहले ही पहुंचना था. ऐसा ही होता है जब पीएम किसी भी एयरपोर्ट पर लैंड करते हैं. पीएम की सिक्योरिटी एसपीजी द्वारा देखी जाती है जो एक प्रोफेशन बॉडी है.