राष्ट्रीय

800 संदिग्‍धों से पूछताछ, 600 मोबाइल नंबर: जानिये कैसे पुलिस ने पकड़ी बच्‍चा चोर महिला

बेंगलुरु. हमारे समाज में कई बार ऐसी घटनाएं घटती हैं, जो हमें चौंकाती हैं. लेकिन पुलिस (Police) पूरी कोशिश करके इन्‍हें अंजाम देने वाले अपराधियों को गिरफ्तार करने में सफल ही होती है. ऐसी ही एक घटना बेंगलुरु (Bengaluru) में सामने आई है. यहां पुलिस ने अस्‍पताल से बच्‍चा चुराने वाली एक महिला को गिरफ्तार करने के लिए 800 संदिग्‍धों की सूची बनाई और पूछताछ की. साथ ही 35000 मोबाइल नंबरों की जांच की. इसके अलावा भी कई कदम उठाए गए और अंत में पुलिस को सफलता मिली. पुलिस की ओर से इस महिला को गिरफ्तार करने की कहानी भी किसी फिल्‍म से कम नहीं है.

फ्लैशबैक 1: हुबली, कर्नाटक (2015)

31 साल की रश्‍मी हुबली के एक प्रतिष्ठित अस्‍पताल में मनोचिकित्‍सक थी. एक दिन उसके पास एक महिला अपने मानसिक रूप से बीमार बच्‍चे को लेकर इलाज के लिए आई थी. कुछ दिनों बाद रश्‍मी ने उस बच्‍चे का इलाज शुरू कर दिया. उसकी मां को इलाज से फायदा देखने को मिलने लगा. कुछ ही दिनों में बच्‍चे की मां और रश्‍मी दोस्‍त बन गईं. एक दिन महिला ने रश्‍मी से कहा कि उसका स्‍वास्‍थ्‍य खराब होने के कारण अब वह दूसरा बच्‍चा पैदा नहीं कर सकती. इस पर रश्‍मी ने उसे सेरोगेसी के जरिये बच्‍चा पैदा करने का सुझाव दिया.

महिला ने अपने पति से काफी विचार-विमर्श करके सेरोगेसी के आइडिया पर हामी भर दी. रश्‍मी ने उन्‍हें भरोसा दिया कि वह इस क्षेत्र के कुछ अच्‍छे डॉक्‍टर्स को जानती है. उसने महिला के पति के स्‍पर्म के सैंपल ले लिए और उसे संबंधित टीम को भेजने की बात कही.फ्लैशबैक 2: बेंगलुरु (2019)

रश्‍मी अब बेंगलुरु के एक प्रतिष्ठित अस्‍पताल में वरिष्‍ठ मनोचिकित्‍सक थी. वह लगातार अब भी उस महिला और उसके पति से संपर्क में थी, जो सेरोगेसी के जरिये बच्‍चा चाहते थे. ए‍क दिन रश्‍मी ने दंपती को बुलाया और कहा कि उसने उनके लिए सेरोगेट मदर खोज ली है. आईवीएफ प्रक्रिया भी पूरी हो गई है. इस पर दंपती काफी खुश हुए.

फ्लैशबैक 3: बेंगलुरु (मई 2020)

अब रश्‍मी बेंगलुरु के विभिन्‍न सरकारी अस्‍पतालों की रेकी करने लगी और वहां के कुछ स्‍टाफ से दोस्‍ती करने में भी सफल हुई. वह उनसे अस्‍पताल में बच्‍चे पैदा होने और उनके मां-बाप के बारे में जानकारी लेने लगी. अंत में उसे सिरसी सर्किल में स्थित बीबीएमपी अस्‍पताल इसके लिए मुफीद लगा क्‍योंकि वहां सेक्‍योरिटी कम थी. 29 मई को अस्‍पताल के एक स्‍टाफ ने उसे जानकारी दी कि वहां एक स्‍वस्‍थ बच्‍चा पैदा हुआ है. उसके मां-बाप मजदूरी करते हैं. वे आंध्र प्रदेश से बेंगलुरु आए थे. उसने यह भी बताया कि डॉक्‍टर ने बच्‍चे की मां हुस्‍ना बानू को दवाई दी है और बच्‍चा उसके बगल में लेटा है. उसका पिता नवीन पाशा कहीं काम से गया है. इसके बाद जल्‍द ही हुस्‍ना बानू सो गई और रश्‍मी वहां तुरंत पहुंची. उसने हुस्‍ना के बगल से बच्‍चे को उठाया और अस्‍पताल से फरार हो गई.

उसने दंपती को बच्‍चा देने के लिए विजयनगर में अपने एक दोस्‍त के घर बुलाया था. वह वहां पहुंची और दंपती को बच्‍चा देकर उनसे 14.5 लाख रुपये ले लिए. वह दंपती इस बात से अंजान था कि ये बच्‍चा कहां से आया है और शहर में कुछ देर पहले क्‍या हुआ है. बीबीएमपी अस्‍पताल से बच्‍चा चोरी होने की खबर शहर में आग की तरह फैल गई. बच्‍चा चोर को खोजन के लिए पुलिस ने हरसंभव प्रयास किए लेकिन विफल रही. अस्‍पताल के एक सीसीटीवी फुटेज में एक महिला बच्‍चा चोरी करके जाते हुए दिखाई दी. लेकिन फुटेज साफ नहीं थी. ऐसे में पुलिस ने हुस्‍ना द्वारा बताए गए हुलिये के आधार पर महिला का स्‍केच बनवाया और उसे सभी थानों में भिजवा दिया. लेकिन इससे भी कुछ हाथ नहीं लगा.

काफी रोचक है मामले की जांच

बाद में इस केस को बसावनागुडी के महिला पुलिस स्‍टेशन को सौंप दिया गया. इसकी जांच के लिए 20 बेहतरीन जांचकर्ताओं की टीम तैयार की गई. उसने तुरंत काम शुरू कर दिया. टीम ने अस्‍पताल स्‍टाफ से पूछताछ शुरू की. साथ ही पास के मोबाइल टावर रेंज में आए मोबाइल नंबरों की डिटेल जुटाई. इसमें 35000 फोल नंबर सामने आए. कुछ हफ्तों में पुलिस ने इसमें से 600 मोबाइल नंबरों की छंटनी की. इन सभी नंबरों के मालिकों की फोटो और अन्‍य जानकारी भी जुटाई. इसमें एक फोटो हुस्‍ना द्वारा बनवाए गए स्‍केच से मैच हो गई.

यह फोटो रश्‍मी की थी. बेंगलुरु साउथ के डीसीपी हरीश पांडे ने जानकारी दी कि रश्‍मी के पास एमबीबीएस की डिग्री नहीं है. उसने कहा था कि उसके पास मनोचिकित्‍सा में एमडी की डिग्री है. वह बेंगलुरु के विजयनगर की रहने वाली है और उसकी उम्र 45 दिन की एक बच्‍ची है. उसके पति का बिजनेस ठप हो चुका है. उसके ऊपर 4 से 5 लाख रुपये का एजूकेशन लोन था. उसने दंपती से मिले पैसे से अपने सभी कर्ज खत्‍म कर दिए और पति को भी रुपये देकर नई शुरुआत करने को कहा.

पुलिस ने बच्‍चे को बरामद कर लिया है. हालांकि अभी उसके मां-बाप की पहचान के लिए डीएनए जांच होना बाकी है. इसके बाद ही उसके असल मां-बाप की पहचान हो पाएगी. रश्‍मी ने जांच टीम को सेरोगेसी की पूरी कहानी बताई. पुलिस ने उसे पकड़ने के क्रम में 800 लोगों से पूछताछ की. इसमें अस्‍पताल में मौजूद प्रत्‍येक स्‍टाफ शामिल किया गया. डीसीपी ने बताया कि पुलिस ने वीडियो की गहनता से जांच की और पुष्टि के बाद रश्‍मी को हिरासत में ले लिया.

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