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Govt declares one-day state mourning in respect of Mauritius ex-president Anerood Jugnauth

2 बार मॉरीशस के राष्ट्रपति और 6 बार प्रधानमंत्री के रूप में कार्य करने वाले जगन्नाथ को 2020 में भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था

2 बार मॉरीशस के राष्ट्रपति और 6 बार प्रधानमंत्री के रूप में कार्य करने वाले जगन्नाथ को 2020 में भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था

गृह मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि पूरे भारत में एक दिन के शोक के दौरान राष्ट्रीय ध्वज उन सभी इमारतों पर आधा झुका रहेगा जहां नियमित रूप से तिरंगा फहराया जाता है. इस दौरान कोई आधिकारिक मनोरंजक कार्यक्रम नहीं होगा.

नई दिल्ली. सरकार ने मॉरीशस के पूर्व राष्ट्रपति अनिरुद्ध जगन्नाथ (Mauritius ex-president Anerood Jugnauth) के सम्मान में शनिवार को एक दिन का राजकीय शोक घोषित किया है. मॉरीशस के पूर्व राष्ट्रपति अनिरुद्ध जगन्नाथ का बृहस्पतिवार को निधन हो गया. गृह मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि पूरे भारत में एक दिन के शोक के दौरान राष्ट्रीय ध्वज उन सभी इमारतों पर आधा झुका रहेगा जहां नियमित रूप से तिरंगा फहराया जाता है. इस दौरान कोई आधिकारिक मनोरंजक कार्यक्रम नहीं होगा.

बयान में कहा गया है कि भारत सरकार ने फैसला किया है कि दिवंगत हस्ती के सम्मान में पूरे भारत में शनिवार को एक दिन का राजकीय शोक रहेगा. जगन्नाथ मॉरीशस के पूर्व प्रधानमंत्री भी रह चुके हैं.

पीएम मोदी ने जताया शोक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित जगन्नाथ को आधुनिक मॉरीशस का निर्माता राजनेता बताया. मोदी ने कहा था, ‘‘एक गर्वित प्रवासी भारतीय, उन्होंने विशेष द्विपक्षीय संबंधों के निर्माण में मदद की जो उनकी विरासत से लाभान्वित होंगे.’’पेशे से वकील थे पूर्व राष्ट्रपति अनिरुद्ध जगन्नाथ

अनिरुद्ध जगन्नाथ पेशे से वकील थे और उन्होंने 1963 में विधान परिषद के चुनाव के साथ अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की. 1951 में, वह ब्रिटेन में लंदन विश्वविद्यालय के लिंकन इन में कानून का अध्ययन करने गए. 1965 में, उन्होंने देश की स्वतंत्रता से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने के लिए लंदन में संवैधानिक सम्मेलन में भाग लिया.

जगन्नाथ चागोस द्वीपसमूह के वि-उपनिवेशीकरण की प्रक्रिया और चागोसियन समुदाय की भलाई को बढ़ावा देने के लिए संघर्ष में अग्रणी थे. उनके संघर्ष के चलते अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय का यह निर्णय आया और चागोस द्वीपसमूह मॉरीशस गणराज्य के क्षेत्र का एक अभिन्न अंग है.





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