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G-7 देशों के महत्वपूर्ण सम्मेलन से पहले स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने इसे लेकर कठोर आपत्ति जाहिर की है. (सांकेतिक तस्वीर)

G-7 देशों के महत्वपूर्ण सम्मेलन से पहले स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने इसे लेकर कठोर आपत्ति जाहिर की है. (सांकेतिक तस्वीर)

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन (Health Minister Harsh Vardhan) ने कहा-विकसित देशों के मुकाबले विकासशील देशों में अभी लोगों के वैक्सीनेशन का प्रतिशत काफी कम है. इस स्थिति में ऐसी कोई भी पहल भेदभावपूर्ण हो सकती है.

नई दिल्ली. दुनियाभर में कोविड-19 महामारी (Covid-19) को लेकर फैले खौफ के बीच वैक्सीन पासपोर्ट (Vaccine Passport) को लेकर चर्चा तेज हो गई है. यूनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने वैक्सीन पासपोर्ट की वकालत की है. लेकिन अब भारत ने इसे लेकर चिंता जाहिर की है. G-7 देशों के महत्वपूर्ण सम्मेलन से पहले स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने इसे लेकर कठोर आपत्ति जाहिर की है. शुक्रवार को G7 Plus मिनिस्ट्रियल सेशन के दौरान डॉ. हर्षवर्धन ने कहा है कि अभी वैक्सीन पासपोर्ट को अनिवार्य करना सही नहीं है.

उन्होंने कहा-विकसित देशों के मुकाबले विकासशील देशों में अभी लोगों के वैक्सीनेशन का प्रतिशत काफी कम है. इस स्थिति में ऐसी कोई भी पहल भेदभावपूर्ण हो सकती है.

दरअसल इस हफ्ते की शुरुआत में बोरिस जॉनसन ने संकेत दिए थे कि G-7 सम्मेलन के दौरान ‘वैक्सीन पासपोर्ट’ को लेकर सहमति बनाने की कोशिश की जा सकती है. जॉनसन का प्रस्ताव अंतरराष्ट्रीय यात्राओं को आसान बनाने का है लेकिन इसमें अभी कई समस्याएं हैं. क्योंकि कई देश ऐसे भी हैं जहां पर अभी मैन्यूफैक्चरिंग या फिर अन्य समस्याओं की वजह से वैक्सीनेशन पूरी रफ्तार नहीं पकड़ सका है.

कोवैक्सीन का अप्रूवल भी है समस्याभारत के संबंध में एक और समस्या ये भी है कि स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन को अभी तक WHO का अप्रूवल नहीं मिला है. ऐसे में अगर वैक्सीन पासपोर्ट के लिए WHO के अप्रूवल को भी जोड़ा गया तो समस्या पैदा हो सकती है. भारत बायोटेक ने कोवैक्‍सीन के आपात इस्तेमाल की मंजूरी देने के लिए WHO में आवेदन दे दिया है. यह आवेदन इमरजेंसी यूज लिस्टिंग यानी तुरंत सुनवाई होने वाले मुद्दों की कैटेगरी में रखा गया है. अगर वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन कोवैक्सीन को भी मंजूरी दे देता है तो ये भारत की दूसरी वैक्सीन हो जाएगी, जिसे अंतरराष्ट्रीय मान्यता दी गई हो.

11 से 13 जून तक G-7 सम्मेलन 

बता दें इस बार 11 से 13 जून तक G-7 सम्मेलन का कार्यक्रम निर्धारित है. इस बार सम्मेलन यूनाइटेड किंगडम में होगा. भारत, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया को भी इसमें आमंत्रित किया गया है. महामारी की दूसरी लहर के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस कार्यक्रम में वर्चुअली हिस्सा लेंगे. 2020 में ये सम्मेलन अमेरिका में होने वाला था लेकिन महामारी के कारण इसे रद्द कर दिया गया था. इस बार के सम्मेलन में कोरोना महामारी मुख्य मुद्दा रह सकती है.

क्या है वैक्सीन पासपोर्ट

इंटरनेशनल फ्लाइट्स की व्यवस्था सुरक्षित और नॉर्मल बनाने की व्यवस्था की जा रही है. ऐसे में यात्रियों के लिए अपने देशों से वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट और यात्रा की अनुमति के परमिशन जैसे कागजात अनिवार्य किए जा सकते हैं. कई देशों में इस प्रक्रिया की शुरुआत हो भी चुकी है. ये कागजात ई-फॉर्मैट या डिजिटल फॉर्मैट में होंगे. इन्हें ही वैक्सीन पासपोर्ट कहा जा रहा है.





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