शिमला में कोरोना कर्फ्यू का असर, पॉजिटिविट रेट गिरकर 19 फीसदी पहुंची

Corona virus in Shimla: जिला में जो पॉजिटिविटी रेट कुछ दिन पहले 30 फिसदी था, वह अब घटकर 19 फीसदी रह गया है जिसे कम करने के लिए जिला में लगातार सैंपलिंग की जा रही है.
Corona virus in Shimla: जिला में जो पॉजिटिविटी रेट कुछ दिन पहले 30 फिसदी था, वह अब घटकर 19 फीसदी रह गया है जिसे कम करने के लिए जिला में लगातार सैंपलिंग की जा रही है.
- Last Updated:
May 29, 2021, 8:26 AM IST
शिमला. हिमाचल प्रदेश में कोरोना महामारी (Corona Virus) के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए कोरोना कर्फ्यू का असर दिख रहा है. अब धीरे धीरे केस कम हो गए हैं. हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में एक सप्ताह पहले जहां 5 हजार से ज्यादा मामले आ रहे थे, उन मामलों में गिरावट दिखाई दे रही है. शुक्रवार को प्रदेश में 64 संक्रमितों की मौत हुई है. चिंता की बात यह है कि डेथ रेथ बढ़ रहा है, जबकि मामले घट रहे हैं
शिमला में भी कोरोना कर्फ्यू का असर हुआ है. यहां रोजाना कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा जो 350 से 400 के पार आ रहा था. वह अब घटकर 200 से 250 के बीच पहुंच गया है. इससे पॉजिटिविटी रेट 30 फिसदी से हटकर 19 फीसदी हो गया है. मौत का आंकड़ा अभी भी एक दर्जन के आसपास आ रहा है.
जिला में 2038 सक्रिय मामले जबकि 549 लोगों की हो चुकी है मौत
जिला में एक्टिव मामलों की बात करें तो 2038 सक्रिय मामले हैं, जबकि 549 संक्रमितों की मौत हो चुकी है.जिला में 20 हजार से ज्यादा लोग अब तक ठीक हो चुके हैं.कोरोना के मामलों में आने वाली गिरावट पर प्रशासन अब जल्दबाजी दिखाने के मूड में नहीं है और सरकार की आदेशों की पालना करते हुए जिला में अभी कोरोना कर्फ्यू लगाने का निर्णय लिया है.क्या कहते हैं डीसी
डीसी शिमला आदित्य नेगी का कहना है कि जिला में कोरोना कर्फ्यू का कितना असर हो रहा है. इस बात पर स्वास्थ्य विभाग की टीम निगरानी कर रही है.पर यह सच है कि जिला में जो पॉजिटिविटी रेट कुछ दिन पहले 30 फिसदी था, वह अब घटकर 19 फीसदी रह गया है जिसे कम करने के लिए जिला में लगातार सैंपलिंग की जा रही है. उन्होंने बताया कि पहले एक दिन में 350 से 400 मामले आ रहे थे वे, अब घटकर 200 के पास पहुंच गया हैं.हालांकि यह कहना जल्दबाजी होगी कि कोरोण कर्फ्यू का असर दिखना शुरु हो गया है.लेकिन जल्द ही इन मामलों पर नियंत्रण पाया जाएगा. जिला में जब तक पॉजिटिविटी रेट 5 फीसदी या इससे कम नहीं आ जाता, तब तक यह कहना सही नहीं होगा कि कोरोना कर्फ्यू का असर दिख रहा है.