अंतरराष्ट्रीय मानवअधिकार वेलफेयर सोसाइटी(ट्रस्ट) ने श्री गुरु रविदास मार्किट में हो रहे कब्जो की शिकायत नगर निगम कमिश्नर को दी।
जालन्धर(NIN NEWS) न्यूज़ इंडिया नाउ द्वारा कल श्री गुरु रविदास मार्किट में हो रहे अवैध कब्जों की खबर लगने के बाद अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार वेलफेयर सोसाइटी (ट्रस्ट) यह मुद्दा आज नागर निगम कॉमिशनर के ध्यान में लाया गया है। इसी मुद्दे को लेकर आज अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार वेलफेयर सोसाइटी (ट्रस्ट) के सदस्य नगर निगम जालन्धर के कमिश्नर से मिले और उनको श्री गुरु रविदास मार्किट में दुकानदारों द्वारा पब्लिक के लिए बने कॉरिडोर पर अवैध किए जा रहे कब्जो के बारे में जानकारी दी।
इस सबंध में अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार वेलफेयर सोसाइटी (ट्रस्ट) ने एक लिखित शिकायत भी है। जिसमे लिखा गया है उक्त मार्किट जोकि इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट जालन्धर द्वारा बनाई गई थी, जोकि की अब नगर निगम जालन्धर की हद में अति है। आगे शिकायत में कहा गया है कि उक्त मार्किट के दुकानदारों द्वारा आए दिन मार्किट में बने पब्लिक कॉरिडोर पर अवैध कब्जे कर दुकानों का अवैध निर्माण किया जा रहा है जोकि कानूनी अपराध है और पंजाब सरकार के बिल्डिंग ब्यलॉस का साफ साफ उलंघन है।
इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार वेलफेयर सोसाइटी (ट्रस्ट) के पंजाब प्रधान ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि खबर लगने के बाद ये मुद्दा उनके ध्यान में आया था। जिसके बाद उन्होंने आज नगर निगम कमिश्नर के समक्ष पेश होकर लिखित शिकायत दी है और मांग की है कि जो कॉरिडोर पब्लिक की सहूलत के लिए मार्किट में बनाए गए है उन्हें पब्लिक के इस्तेमाल के लिए ही रहना चाहिए और उन्होंने आगे मांग की है कि जो दुकानदार इन कॉरिडोर पर अवैध कब्जे कर रहे है उन्हें नगर निगम अधिकारी जल्द से जल्द खाली करवाए। अगर नगर निगम ने 15 दिनों में कोई ठोस कार्यवाही नही की तो अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार वेलफेयर सोसाइटी (ट्रस्ट) ये मामला मानयोग हाई कोर्ट में ले जाएगी।
आपको बता दे कि उक्त मार्किट में सभी दुकानदार , दुकानों के आगे बने कॉरिडोर पर एक एक करके अवैध कब्जे कर रहे है। दरसल ये कॉरिडोर पब्लिक की सुविधा के लिए बनाए गए है पंरतु नगर निगम अधिकरिओ की छत्रछाया में उक्त दुकानदारों के हौसले इतने बुलंद है उन्हें न तो कानून का डर है और नही किसी कार्यवाही का डर है।
सूत्रों से जानकारी प्राप्त हुई है उक्त अवैध कब्जों के पीछे किसी राजनेता का भी हाथ हो सकता है। जिस कारण से नगर निगम अधिकारी भी कोई कार्यवाही करने में कतरा रहे है। आने वाले दिनों में देखना ये हो कि नगर निगम कमिश्नर कोई ठोस कार्यवाही के आदेश देते है या सरकार की ज़मीन पर दुकानदार यू ही कब्जे करते रहेंगे और नगर निगम कमिश्नर और अधिकारी कब्जे करवाते रहेंगे।