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सरकार हर साल लाखों रुपए नहर में बहा रही
पूर्व विधायक सुशील रिंकू भी नहीं करवा पाए समस्या को हल, अब मौजूदा विधायक भी नहीं दिखा रहे दिलचस्पी।

जालन्धर(NIN NEWS):इन दिनों पंजाब की स्मार्ट सिटी कहे जाने वाले शहर जालंधर के वेस्ट हलके में बहता नहर के ऊपर तैरता गंदगी स्मार्ट सिटी को ग्रहण लगा रहा है। हालांकि हलके में उक्त नाले की सफाई के लिए प्रत्येक वर्ष लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं। नाले में गंदगी को देखकर ऐसा प्रतीत होता है, मानो सरकार द्वारा हर साल खर्च किए जाने वाले लाखों रुपए गंदगी में बहाए जा रहे हों।

बता दें कि जालंधर के वेस्ट हलके में यह नहर कम गंदगी का नाला लोगों के लिए परेशानी का सबब कई वर्षों से बना हुआ है। यही नहीं चुनावों के दौरान उम्मीदवारों द्वारा इस मुद्दे को भी प्रमुखता से उठाया जाता है लेकिन सत्ता में आने के बाद कोई भी उक्त मुद्दे में दिलचस्पी नहीं दिखाता। जहां लोग गंदगी के साथ-साथ उक्त नाले में से निकलने वाली गंदी बदबू से परेशान है तो वहीं नाले के आसपास बढ़ रहे गन्दगी के कारण महामारी फैलने की आशंका भी लगातार बने हुए हैं।

उक्त नाले के साथ साथ जाती सड़क पर रोजाना हजारों की तादाद में लोग आते जाते हैं। उक्त नाले में से निकलने वाली बदबू से निकटवर्ती लोग तो परेशान हैं ही साथ ही राहगीर भी खासे परेशान हैं। लोगों का कहना है कि वह संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों को कई बार उक्त नाले की समस्या से जागरूक करवा चुके हैं लेकिन हर बार आश्वासन देकर प्रशासनिक अधिकारी अपना पल्ला झाड़ लेते हैं।

बता दें कि पिछली सरकार में रहे विधायक सुशील रिंकू ने नहर किनारे साफ सफाई व नहर कि उसारी के लिए लाखों रुपये खर्च किये थे लेकिन जो हालात हैं – नहर पर हुआ खर्च लोगों को साफ़ दिख रहा है। वहीं मौजूदा विधायक शीतल अंगुराल भी इस समस्या से भली भांति परिचित हैं वह भी जनता की समस्या को हल करवाने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं।
स्मार्ट सिटी के बावजूद भी गंदगी से भरपूर है उक्त नहर।

बता दें कि केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा स्मार्ट सिटी घोषित किए गए शहरों में लाखों रुपए सफाई व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए खर्च किए जाते हैं। इनमें पंजाब के जालंधर का भी नाम शामिल है लेकिन इसके बावजूद भी स्मार्ट सिटी जालंधर गंदगी से भरपूर है। पूरे जालंधर में उक्त नाले के इर्द-गिर्द बसे नार्थ और वेस्ट हलके के लोगों को झेलना पड़ रहा है।

बीमारियों को मिल रहा न्यौता

नाले के इर्द-गिर्द पड़े कूड़े के ढेर के कारण जहां राहगीर एवं निकटवर्ती लोग परेशान हैं तो वही उड़ने वाली गंदी बदबू से कीड़े मकोड़ों के कारण बीमारियों को भी न्योता मिल रहा है। कई इलाकों में बदबू इतनी ज्यादा है कि लोगों का सांस लेना भी मुश्किल है। कई लोग तो ऐसे हैं जो उक्त एरिया को छोड़कर अन्य स्थानों पर जा बसें हैं।

मेयर का स्मार्ट सिटी की और नदारद रवैया
जालंधर महानगर में जगह-जगह पड़ा कूड़े का ढेर व गन्दगी दर्शाता है कि शहर का मेयर सिर्फ नाम मात्र का मेयर हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि मेयर ने कभी नहर की सफाई की और ध्यान नहीं दिया। मेयर की नदारद रवैये के कारन आज स्थानीय लोगों को गन्दगी के विच रहना पड़ रहा हैं। नहर के आसपास गन्दगी को लेकर लोगों ने कई बार मुद्दा उठाया पर खानापूर्ति के सिवाए कुछ नहीं किया।

नगर निगम की कारगुजारी पर प्रश्न चिह्न – दावे हुए फेल।

महानगर की जो हालत है, उससे लगता है कि नगर निगम कुम्भकर्ण की नींद सोया हुआ है। बता दें कि आप चाहे शहर के किसी भी कोने में से गुजर जाओ, आपको शहर की तस्वीर साफ़ नजर आ जाएगी। शहर की सफाई व्यवस्था ऐसे चर्म गई है मानो शहर में वर्षो से सफाई ही न हुई हो।

जालंधर स्मार्ट सिटी सिर्फ कागजो में ही दिखाई देता है वास्तव में तस्वीर कुछ और कहती है। अधिकारी से बात करने पर बताया गया कि हम तो सफाई करवाते हैं पर लोग खुद ही गन्दगी फैलाते हैं। जगह-जगह कूड़े का डंप लगाया गया है फिरभी लोग कूड़ा सड़क किनारे फेंक देते हंै। शहर की सफाई में लोगों का साथ नहीं मिल रहा हैं। अक्सर लोग नहर किनारे कूड़ा फेंक जाते हैं।

बरसात का मौसम सिर पर, ????बीमारी को आसानी से न्यौता

बरसात का मौसम आने वाला है पर शहर कि सफाई कि जो हालत हैं, उससे लगता है कि बीमारी को बड़े ही आसानी से न्यौता दिया जा रहा है। शहर में हर वर्ष डेंगू, मलेरिया जैसे बीमारी के कारण कइयों ने अपनी जान गवांई हैं। पर प्रशासन फिर भी कुम्भकर्णी नींद से जगा नहीं है।

ये गन्दगी फैलाने के जिम्मेदार

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  1. इलाका कौंसलर जिनके एरिया से नहर गुजरता है। उनका साफ सफाई पर ध्यान न देना
  2. नहरी विभाग – समय-समय पर नहर कि सफाई का ध्यान न रखना
  3. नगर निगम – नगर निगम का ध्यान न देना, कूड़े के लिए प्रयुक्त स्थान का बंदोबस्त न करना , सफाई का ध्यान न देना
  4. स्थानीय लोग जिन्होंने जो अपनी कर्तव्य को भूल कूड़ा नहर में या नहर से लगते किनारे पर फेंक देते है
  5. हल्का विधायक – विधायक का सफाई प्रति ध्यान न देना , लोगों को सफाई के लिए जागरूक न करना
  6. प्रशासन- प्रशासन द्वारा समय पर जाँच न करना ।
    स्मार्ट सिटी को दागदार कर रहा नहरी विभाग

जहां प्रशासन जालंधर सिटी को स्मार्ट सिटी बनाने में जुटा है वही लोगो के द्वारा चुने गए नुमाइंदों का कहा कि वह अपने हलके के लोगों की सेवा के लिए हर समय तैयार हैं। इस दावे में कितनी सच्चाई है यह तो आने वाले समय में ही पता लग पाएगा

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