नेपाल में सियासी उठापटक के बीच राष्ट्रपति ने संसद की भंग, नवंबर में होंगे चुनाव


नेपाल में सियासी उठापटक के बीच राष्ट्रपति ने संसद की भंग
राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने शेर बहादुर देउबा (Sher Bahadur Deuba) और केपी शर्मा ओली (KP Sharma Oli) दोनों के सरकार बनाने के दावे को खारिज कर दिया. नेपाल (Nepal) में अब 12 से 19 नवंबर के बीच चुनाव की घोषणा की गई है.
इसे भी पढ़ें :- नेपाल के सुप्रीम कोर्ट से केपी ओली को बड़ा झटका, शपथग्रहण के 7 दिन में ही 7 मंत्रियों की नियुक्ति रद्दसरकार बनाने के दावा खारिज होने के बाद मध्य रात में ओली ने कैबिनेट की आकस्मिक बैठक बुलाई और संसद विघटन करने की सिफारिश की और मध्यावधि चुनाव नवंबर में करने का फैसला किया है. बता दें कि विपक्ष गठबंधन 149 सांसदों की हस्ताक्षर वाला पत्र लेकर शुक्रवार को राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी के पास पहुंचा था. पत्र में कहा गया था कि वह कांग्रेस सभापति शेर बहादुर देउवा को प्रधानमंत्री बनाने का दावा पेश करते हैं. इस पर राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने कहा कि वह इस विषय में कानून भी देखेंगी. इसे भी पढ़ें :- Nepal Political Crisis : नेपाल का विपक्षी गठबंधन सरकार बनाने का तैयार वहीं माओवादी केंद्र के प्रवक्ता नारायण काजी श्रेष्ट ने बताया कि प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली भी बहुमत का दावा पेश करने के लिए राष्ट्रपति के पास आए थे. उनको भी राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने ये कहते हुए लौटा दिया था कि वह इस विषय पर कानून देखेंगी. विपक्षी गठबंधन ने कहा कि ओली ने सांसदों की हस्ताक्षर प्रस्तुत नहीं किया है इसलिए उनके दावे का कोई अर्थ नहीं है.