बचपन बचाओ आंदोलन टीम ने आज जैकेट बनाने वाली फ़ैक्टरी से 9 बँधुआ बाल श्रमिक मुक्त कराए

लुधियाना:(NIN NEWS): जिले को बाल श्रम मुक्त बनाने की मुहिम को आगे बढ़ाते हुए जिला टास्क फोर्स कमेटी ने राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की शिकायत पर कार्यवाही कर आज़ादी दिवस से पहले 9 बँधुआ बाल श्रमिकों को आज़ादी दिलाई। कार्यवाही टीम ने नायब तहसीलदार श्री मलूक सिंह के नेतृत्व में वर्धमान नगर राहों रोड स्थित एक जैकेट बनाने वाली फ़ैक्टरी में कार्यवाही कर 9 बाल श्रमिकों को बँधुआ श्रम से आज़ादी दिलाई।
इस अवसर पर बचपन बचाओ आंदोलन के राज्य संयोजक श्री यादविंदर सिंह ने बताया कि मुक्त बच्चों को जब टीम छुड़वाने पहुँची को फ़ैक्टरी के दरवाजे को बंद कर लिया गया था, काफी मशक्कत के बाद जब टीम ने दरवाजा खुलवाया तो 9 बँधुआ बाल श्रमिकों को शौचालय में बंद किया हुआ था।

बचपन बचाओ आंदोलन के दिनेश कुमार ने बताया कि सभी बच्चे बिना न्यूनतम मजदूरी के 12 से 14 घँटे काम करने को विवश थे और कुछ बच्चों ने बताया कि उनके मातापिता को एडवांस भी देकर लाया गया था। लगभग सभी बच्चों के माता पिता गाँव मे ही है। संस्था के यादविंदर ने बताया कि लुधियाना में ऐसी कई फैक्टरियों में हज़ारों बच्चे काम करते है और संबंधित विभागों के पास उनका कोई रिकॉर्ड नही है।
उन्होंने सवाल किया कि क्या ये सब विभागों की सांठ-गांठ से चल रहा है? जिला प्रशासन ने 2025 तक जिले को बाल श्रम मुक्त बनाने हेतु अभी तक क्या प्लान बनाया है? संगठन के सदस्यों ने कहा कि जिला बाल सुरक्षा अधिकारी द्वारा अभी तक मुक्त हुए कितने बच्चों का आर्थिक, शैक्षणिक व सामाजिक पुनर्वास किया गया? कितने बच्चों के बैंक खाते खोले गए, कितने बच्चों को अग्रिम मुआवजा दिलाया गया आदि, उपरोक्त किसी भी सवाल का कोई ठोस जवाब किसी के पास नही है।
कार्यवाही टीम में नायब तहसीलदार मलूक सिंह की अध्यक्षता में डिप्टी डायरेक्टर फैक्ट्री सुखविंदर सिंह भट्टी, लेबर इंस्पेक्टर विनोद कुमार, जिला बाल सुरक्षा यूनिट से अमनदीप बावा, सेहत विभाग व एन्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग विंग की फोर्स के साथ बचपन बचाओ आंदोलन व चाइल्ड लाइन के सदस्य शामिल थे।