नूरपुर-शेखें रोड पर काटी गई अवैध कालोनी में उड़ी नियमों की धज्जियां, बड़े खेल का खुलासा।
ढिल्लों कालोनी के आसरे नंगल सलेमपुरा कालोनी को बताया जा रहा रेगुलर
2018 के बाद तो कोई कालोनी रेगुलर नहीं हुई, ये तो काटी 2021 में है!
जालंधर (ब्यूरो): अवैध कॉलोनियों के गढ़ बन चुके जालंधर में नियमों को छिक्के पर टांग कर अवैध कॉलोनियां काटी जा जा रही हैं। ताजा मामला नूरपुर-शेखें रोड पर नंगल सलेमपुरा कालोनी का है। सूत्रों के अनुसार ये कॉलोनी पूरी तरह से अवैध है और इस कालोनी में एक वैध कालोनी के लिए जो नियम तय किए गए हैं उनमें से आधे से ज्यादा नियम पूरे ही नहीं किए गए। सूत्रों के अनुसार, ये कालोनी जिस भी कालोनाइजर ने काटी है उसने बड़ी ही चालाकी से इसको रेगुलराइज होने का ढिंढोरा पीटा है लेकिन वो कहते हैं न कि चोर की दाढ़ी में तिनका। दरअसल 2018 के बाद किसी भी कालोनी को रेगुलराइज नहीं करने की जारी अधिसूचना के तहत 2018 के बाद बनी कोई भी कालोनी रेगुलर नहीं हो सकती लेकिन यहां यह महाशय ढिंढोरा पीट रहे हैं कि उनकी कालोनी वैध है। यह कालोनी तो बनी ही 2021 में है। अब सुनिए यह कालोनी रेगुलर होने का दावा किस प्रकार किया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार नूरपुर-शेखें रोड पर नंगल सलेमपुरा के पास काटी गई कालोनी की कुल जमीन करीब 8 एकड़ है। इस 8 एकड़ के पीछे 3 एकड़ में ढिल्लों कालोनी काटी गई है। सूत्रों के मुताबिक खेल कुछ ऐसे खेला गया। ढिल्लों कालोनी जोकि 2018 से पहले की है उसे रेगुलर करवाकर उसके दस्तावेज ही नूरपुर-शेखें रोड पर नंगल सलेमपुरा वाली कालोनी के रूप में दिखाकर इस कालोनी को रेगुलर बताया गया। यानि माल कंपनी का मशहूरी अपनी। इसका सीधा मतलब है कि अवैध कालोनी को रेगुलर दिखाने के लिए स्टांप ड्यूटी में भी चोरी की गई। जल्द ही इस कालोनी के बारे में अगली रिपोर्ट प्रकाशित की जाएगी।
कालोनाइजर व पुडा अधिकारी पर विजिलेंस ने की हुई है कार्रवाई की सिफारिश
सूत्रों के मुताबिक जिस कालोनाइजर ने कथित रूप से पुडा अधिकारी के साथ मिलकर अवैध कालोनियों का जाल बिछाया है वह जाल पहली बार नहीं बिछाया गया। काफी सालों से यह काम चल रहा है और साल 2016 में ये दोनों एक मामले में फंस भी गए थे। तब विजिलेंस ने इन दोनों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश पुडा में की थी लेकिन अभी तक पुडा वाले फाइल दबाकर बैठे हैं।
ईओ सच बोल रहा या पुडा प्रशासक
नूरपुर-शेखें रोड पर नंगल सलेमपुरा के पास काटी गई अवैध कालोनी के बारे में जब ईओ गिल और प्रशासक आईएएस करुणेश शर्मा से बात की गई तो दोनों के बयानों में विरोधाभास निकला। गिल ने कहा कि जब रेगुलराइज कालोनी को कोई नंबर नहीं मिलता जबकि करुणेश ने कहा कि नंबर आता है। वहीं गिल ने कहा कि नंगल सलेमपुरा के पास काटी गई कालोनी गई अवैध है। वैसे यह बात भी सामने आई है कि वहां अधिकारियों की टीम भेजी जाएगी और उसके बाद मामले अगली कार्रवाई होगी।
कालोनी के बाहर बनी अवैध दुकानें
जब भी कोई कालोनी कटती है तो उसे वैध करने की प्रक्रिया के अमल के तहत उसके दो गेट होना लाजिमी हैं और मार्केट हमेशा इनसाइड होती है लेकिन इस कालोनी में इस नियम का पालन नहीं किया गया। सूत्रों के मुताबिक जो दुकानें बनाई गई हैं वे 3 फुट से कम चौड़ी सड़क काटकर बनाई गई हैं। यानि रिहायशी और कामर्शियल दोनों तरह से पुडा को चूना लगाया गया है।
उक्त कालोनाइजर ने बना रखा है डम्मी कालोनाइजर
सूत्रों के मुताबिक जिस कालोनाइजर ने ये कालोनी काटी है उसने एक असली व्यक्ति को फर्जी कालोनाइजर बनाया हुआ है और जमीन की सारा कागजी
पढ़ालिखी उसी व्यक्ति के नाम पर होती है यानि अगर कोई पंगा पड़े तो यह डम्मी कालोनाइजर ही भुगते।