चुनावटेक्नोलॉजीबिजनेसमनोरंजन

फेस मास्क वायुजनित रोगाणुओं की दूरी को आधा करते हैं | Face masks cut the distance of airborne germs in half


डिजिटल डेस्क, न्यूयॉर्क। विश्व में कोविड महामारी के आने के बाद इससे बचने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे मास्क और सामाजिक दूरी के उपायों की प्रभावशीलता पर जोरदार बहस जारी है।एक नए अध्ययन से पता चलता है कि सामाजिक दूरी को अपनाने के बजाय मास्क वायु जनित रोगाणुओं के संक्रमण के खतरे को कम कर सकते हैं।

सेंट्रल फ्लोरिडा विश्वविद्यालय (यूसीएफ) के शोधकतार्ओं ने पाया कि फेस मास्क वायु में रोगाणुओं की रफ्तार को कम कर देते हैं, जो मास्क न पहनने की तुलना में हवा में बोलने या खांसने पर अधिक हो सकती है।जर्नल ऑफ इंफेक्शियस डिजीज में प्रकाशित इस निष्कर्ष में कहा गया है कि वायुजनित वायरल रोगजनकों, जैसे कोविड विषाणु का प्रसार और संक्रमण बोलने तथा खांसने जैसे मानव श्वसन कार्यों के दौरान बनने वाली तरल बूंदों और एरोसोल के माध्यम से होता है।

वायु में जीवाणुओं तथा विषाणुओं की दूरी को कम करने के तरीकों को जानने से लोगों को सुरक्षित रखने में मदद मिल सकती है और कोविड- जैसी महामारियों से निपटने में यह काफी मदद कर सकता है।इन तौर तरीको में मास्क पहने जाने पर सामाजिक दूरी को कम करने के दिशा-निर्देशों में ढील देना शामिल हो सकता है।

यूसीएफ के मैकेनिकल और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर करीम अहमद ने कहा, शोध स्पष्ट सबूत और दिशानिर्देश प्रदान करता है कि मुंह को ढकने वाले मास्क के साथ तीन फीट की दूरी बिना मास्क के छह फीट की दूरी से बेहतर है।इसमें शोधकर्ताओं ने यह जानने की कोशिश थी कि हवा के माध्यम से तरल पदार्थ कैसे चलते हैं। इसमें शोधकतार्ओं ने उन सभी दिशाओं में दूरी को मापा जो कि बोलने और खांसने वाले लोगों के मुंह से बूंदें तय करती हैं।अध्ययन में 14 लोगों ने भाग लिया जिनमें 21 से 31 वर्ष की आयु के 11 पुरुष और 3 महिलाएं थी।

इसमें सभी प्रतिभागियों को बिना मुंह ढके,कपड़े का मास्क लगाए और सर्जिकल मास्क पहनने की तीन अवस्थाओं में कोई बात कहने और पांच मिनट तक खांसने को कहा गया था।शोधकतार्ओं ने पाया कि बिना मास्क के बोलने या खांसने पर मुंह से निकलने वाली तरल पदार्थ की बूंदे चार फीट तक सभी दिशाओं में जाने में सक्षम हैं और एक कपड़े का मास्क इस कम उत्सर्जन को लगभग दो फीट तक कम कर देता है।सर्जिकल मास्क पहनने पर सुरक्षा अधिक देखी गई थी जिससे खाँसी या बोलने के दौरान निकलने वाली तरल पदार्थ की बूंदों की दूरी केवल आधा फुट तक ही पाई गई।

 

(आईएएनएस)

Source link

News India Now

News India Now is Government Registered Online Web News Portal.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button