महानगर में कुछ एक “FAKEBOOK” पत्रकारो का केहर। PART 1
जालंधर(ब्यूरो): सोशल मीडिया का दौर चल रहा है सोशल मीडिया पर आए दिन पत्रकारों की भरमार देखने को मिलती है वहीं अगर बात करें जालंधर जैसे महानगर की जिसे मीडिया हब भी कहा जाता है वहां पर भी आजकल हर तीसरा बंदा या यूं कहें कि हर तीसरा व्यक्ति मोबाइल उठा कर एक फेसबुक पर अंड संड(बेकार के) नाम रखकर चैनल बना लेता है।
जिस प्रकार सन 90 दशक में एक कहावत मशहूर हुई थी की “ਈਟ ਪੁੱਟੋ ਸਿੰਗਰ” उसके बाद ये कहा जाने लगा कि “एक ईंट ते 10 10 सिंगर बैठे हुंदे ने” आज के दौर में पत्रकारों की बात करे तो यही कहावत उनपर भी लागू होने लगी है।
आज के दौर मे FAKEBOOK पत्रकरो की भरमार हो गई है। क्योंकि ये लोग गैंग बनाकर शहर में गुमते है और अपने FAKEBOOK पर चंद Views पाने के लिए इतने हद तक गिर जाते है कि पत्रकारिता की सभी मान मार्यादा को ताक पर रखकर किसी का बना बनाया घर भी उजाड़ने में कोई कसर नही छोड़ते इसी का ताजा उदाहरण पिछले दिनों थाना 5 के और कल टेगोर नगर में हुए विवाद में देखने को मिलता है। जहाँ कुछ एक FAKEBOOK पत्रकार पारिवारिक झगड़े को और भी उलझा रहे थे। ये कुछ एक FAKEBOOK पत्रकार किसी के भी मामले घुस कर अपनी Views की रोटिया सकते है।
जल्द इन कुछ FAKEBOOK पेजो के नाम और इनको चलाने वालो के परत दर परत चिट्ठे खोले जाएंगे जिसमें मुख्यता सूर्य एनक्लेव की और रहने वाले FAKEBOOK पत्रकार का चिट्ठा प्रकाशित किया जाएगा।