कैसे फैला महा नगर में कुछ एक “FAKEBOOK” पत्रकारों का मकड़ जाल।

जालन्धर (ब्यूरो): जैसा कि आपको सब को हमने अपनी पिछली ख़बर में जानकारी दी थी महा नगर में कुछ एक FAKEBOOK पत्रकार किस प्रकार पत्रकारिता को बदनाम व सेंध लगा रहे है।
आज इसी कड़ी के दूसरे भाग में हम आपको बताने जा रहे है कि आखिर इन FAKEBOOK पत्रकारों की इतनी तादाद में उत्पति कब और कैसे हुई।

जब 2019 व 2020 मे पूरा विश्व ,Corona जैसे महामारी से जूझ रहा था उसी दौरान इन कुछ एक FAKEBOOK पत्रकारो ने महा नगर में जन्म लिया ये वो लोग है जिन्हें पत्रकारिता की न तो कोई जानकारी है और न ही इन्हें पत्रकारिता नैतिकता की कोई जानकारी है। अपने FAKEBOOK पेज पर चंद views पाने के लिए और चंद पैसो के लिए ये लोग पत्रकारिता की सभी मान मर्यादा को भूल जाते है और चंद पैसे की लालच इन FAKEBOOK पत्रकारों को इतना अंधा कर देती है कि फिर इन्हें कोई मतलब नही की चाहे किसी का बना बनाया घर उजाड़ जाए, ये लोग किसी व्यक्ति की मजबूरी का फायदा उठाने में कोई कसर नही छोड़ते क्योंकि ये पत्रकारिता नही करते बस इन्हें चाहिए तो बस पैसा। अगर कोई व्यक्ति उन्हें इनके हिसाब से पैसे न दे या इन्हें पैसे देने बंद कर दे तो ये कुछ एक FAKEBOOK पत्रकार उसे डराना, धमकाना शुरू कर देते है। क्या ऐसे लोगो को पत्रकार कहते है, क्या इसे पत्रकारी कहते?

ये वो लोग है जो FAKEBOOK के पत्रकार बने है जिनका या लॉक डाउन में काम बंद हो गया था, या जिनको कंपनी ने लॉक डाउन में नोकरी से निकाल दिया था, या जिन पर लॉक डाउन के दौरान कंपनियों या फिनांसरो का लाखो का कर्ज चढ़ गया था। इन कुछ एक FAKEBOOK बने हुओ को न तो पत्रकारी की जानकारी और असल मे इन्हें पत्रकारी से कोई लेना देना ही नही है इन्हें तो चाहिए बस पैसा।
इतना ही ये लोग किसी लॉटरी स्टाल, दुकान, मकान, कॉलोनी, इमीग्रेशन कंसलटेंट, तांत्रिक, होटल, रेस्टुरेंट, हॉस्पिटल, देह व्यापार के अड्डे, स्पा सेंटर, हुक्का बार, कोई भी प्रशाशनिक अधिकसरी हो या कोई ऐसा व्यक्ति जिसका फायदा उठाने/ब्लैकमेल करने में ये कुछ एक FAKEBOOK पत्रकार कोई कसर नही छोड़ते।
बड़े दुख के साथ कहना पड़ता है कि इन FAKEBOOK पत्रकारो के कारण महा नगर में सच्ची व सही पत्रकारी भी कही न कही दबती व कुचलती हुई दिखाई देती है क्यों आज जनता जिस नज़र से इन कुछ एक FAKEBOOK पत्रकारों को देखती है उसी नज़र से सही व सच्ची पत्रकारी करने वालो को भी देखती है। ये आज की सच्चई है आप और हम इसे चाहे माने या न माने।
अगले भाग में बताएंगे और भी बड़े खुसले होंगे इन कुछ एक FAKEBOOK पत्रकारो के की कैसे ये लोगो का शोषण व लोगो से जबर्दस्ती वसूली करते है।