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रॉयल एनफील्ड से लेकर हार्ले डेविडसन, इन मोटरसाइकिलों से अपराधियों को पकड़ती है भारतीय पुलिस

भारत के विभिन्न राज्यों के तंग इलाकों में जाकर अपराधियों का पीछा करने के लिए पुलिस के पास केवल हथियार ही नहीं, बल्कि तेज-तर्रार वाहन भी होना चाहिए. यही कारण है कि हमारे यहां चौपहिया की बजाए पुलिसकर्मियों के पास दुपहिया वाहन ज्यादा दिखते हैं. वे ज्यादा व्यावहारिक होती हैं और तंग इलाकों में भी आसानी से काम करती हैं. पहले रॉयल एनफील्ड भारतीय पुलिस की खास पहचान थी, लेकिन अब इसके साथ ही कई अत्याधुनिक बाइक्स आ चुकी हैं. पंजाब और दिल्ली पुलिस के पास क्या है  अलग-अलग राज्यों की पुलिस अपनी सुविधा के मुताबिक अलग तरह की मोटरसाइकिल का उपयोग करती रही है. जैसे पंजाब और दिल्ली पुलिस के पास अधिकतर बजाज पल्सर बाइक दिखती है. बजाज पल्सर 180 बाइक की कीमत लगभग 1.08 लाख रुपए से शुरू होती है, जो अपग्रेडेड वर्जन में और महंगी हो सकती है. ये कम तेल पर बेहतर प्रदर्शन देती है और इसका मेंटेनेंस भी आसान है, जो कि पुलिसकर्मियों के लिए आसान है.

police bikes in india

हार्ले-डेविडसन बाइक का उपयोग कोलकाता और गुजरात में पुलिसकर्मी करते हैं- सांकेतिक फोटो (flickr)

अब बात करते हैं हार्ले-डेविडसन बाइक की दुनियाभर में बाइकप्रेमियों की पसंद ये मोटरसाइकिल भारतीय पुलिस के पास भी है. कोलकाता और गुजरात में पुलिसकर्मी हार्ले-डेविडसन स्ट्रीट 750 मॉडल का इस्तेमाल करते हैं. ये देशभर के पुलिसकर्मियों के वाहनों में सबसे प्रीमियम मानी जाती है. इस कंपनी की सबसे कम कीमत वाली बाइक ही 10 लाख रुपए से शुरू होती है. इसमें कई ऐसे फीचर हैं, जो बाइक को पुलिस के काम के उपयुक्त बनाते हैं. उत्तरप्रदेश पुलिस के पास बहुतायत में होंडा
होंडा सीबीआर 250 आर का उपयोग उत्तरप्रदेश पुलिस करती है. इस मॉडल को कंपनी ने ही पहले पुलिस मॉडल की तरह दिखाया, इसमें साथ में कई सुरक्षा उपकरण भी डैमो में दिखाए गए. इसके बाद यूपी पुलिस ने इसे अपने लिए ले लिया. ये भी पढ़ें: क्यों Russia ने बर्फीले तूफानों से घिरे Arctic पर अपना आर्मी बेस तैयार कर लिया? चार राज्यों में इस बाइक का काफी इस्तेमाल हो रहा  इसी तरह से टीवीएस अपाचे भी आम लोगों के अलावा पुलिसकर्मियों के बीच लोकप्रिय बाइक है. इसका इस्तेमाल एक-दो नहीं, बल्कि कई राज्यों की पुलिस कर रही है. इनमें केरल, तमिलनाडु, दिल्ली और उत्तरप्रदेश का नोएडा शामिल हैं. अपाचे 160 और 180 का इस्तेमाल इस विभाग में काफी किया जाता है.

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रॉयल एनफील्ड शुरुआत में भारतीय सेना में काम आती थी, जिसे बाद में पुलिस ने भी अपना लिया-सांकेतिक फोटो (pixabay)

रॉयल एनफील्ड ने शुरुआत से ही सेना और पुलिस में दबदबा बनाए रखा ये वैसे तो सबसे पहले भारतीय सेना में काम आती थी, जिसे बाद में पुलिस विभाग ने भी अपना लिया. रॉयल एनफील्ड कंपनी ने मांग के मुताबिक सप्लाई बनाते हुए काफी काम भी किया. लेकिन अब समय के साथ पुलिस अपडेटेड बाइक्स पसंद कर रही है जो ज्यादा प्रैक्टिकल हों और कम से कम रखरखाव मांगें. गोवा जैसे टूरिस्ट स्पॉट में क्या है  गोवा वैसे तो उतनी घनी आबादी वाला नहीं, लेकिन पर्यटन के लिहाज से देश के सबसे हॉट स्थानों में से एक होने के कारण यहां सालभर देश-विदेश से सैलानी आते रहते हैं. ऐसे में कानून-व्यवस्था बनाए रखने और पर्यटकों से लेकर आम लोगों में सुरक्षा का भाव बना रहे, इसके लिए गोवा पुलिस हीरो स्पलेंडर लेकर चलती है. ये गोवा की तंग से तंग गलियों में भी तेजी से भागती और अपना मकसद पूरा करती है. ये भी पढ़ें: वे देश, जहां अब तक Corona vaccine की एक भी खुराक नहीं पहुंच सकी राजस्थान के जयपुर में हीरो डुएट पुलिसकर्मियों की पहली पसंद है. यहां हीरो डुएट पर शहर के कोनों-कोनों में गश्त करते पुलिसवाले दिख जाते हैं. वे ध्यान रखते हैं कि बाइक उनके हथियारों की तरह ही तेज और अपडेट रहे.

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पाकिस्तान के कराची की गलियों में अपराधियों का पीछा करने के लिए पुलिसकर्मियों को स्केटिंग ट्रेनिंग दी गई- सांकेतिक फोटो (pixabay)

महिला पुलिसकर्मियों के लिए मुंबई में हीरो मोटरसाइकिल  ये बाइक्स चलाने में खास भारी नहीं होतीं, लेकिन काफी व्यावहारिक होती हैं. मुंबई के नए-पुराने हिस्सों में काम आती हैं. साथ ही इसमें बेटन के अलावा कई ऐसी सुविधाएं होती हैं, जो पुलिस के काम आ सकें. इन बाइक्स पर स्टिकर लगा होता है, जो बताता है कि फलां बाइक पर पुलिस अपना काम करने निकली है. पाकिस्तान पुलिस ने किया अनूठा प्रयोग  भारतीय पुलिस के वाहनों की चर्चा के बीच जानते चलें कि पड़ोसी देश पाकिस्तान में नया ही प्रयोग हुआ. वहां की व्यावसायिक राजधानी कराची की तंग गलियों में अपराधियों का पीछा करने के लिए पुलिसकर्मियों को स्केटिंग की ट्रेनिंग दी गई. इन्हें स्केटिंग कमांडो (skating commandos) कहा जा रहा है. दस्ते में महिला पुलिसकर्मी ज्यादा हैं इन्हें हथियारों के इस्तेमाल की ट्रेनिंग मिली. लेकिन सबसे खास बात है कि तंग और गाड़ियों से भरी सड़कों पर ये तेजी से भाग सकेंगी ताकि पैदल या गाड़ी में भागते अपराधी का पीछा कर सकें. इन कमांडों के साथ कार या मोटरबाइक पर पेट्रोलिंग यूनिट भी होगी ताकि जरूरत के समय मदद मिल सके.

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