LAC पर चीन की बड़ी करतूत का खुलासा, बढ़ती सर्दी के बीच हिमाचल पर चीन की साजिशें तेज | China’s big handiwork exposed on LAC, China’s conspiracies intensified on Himachal amid rising winter
डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने महामारी के बीच वादा किया था कि कोरोना के खिलाफ जंग में उनका देश भारत की हरसंभव मदद करेगा और कहा कि चीन में बनी महामारी रोधी सामग्री ज्यादा तेज गति से भारत पहुंचाई जाएगी। मानवता की इन बातों के बीच चीन भारत के साथ समय समय पर सीमावर्ती हरकतें करने से बाज नहीं आता। ये पहली दफा नहीं है जब चीन की हरकतों को लेकर इस तरह का खुलासा हुआ है। इससे पहले भी मेक्सार टेक्नोलॉजीज ने भी फरवरी के महीने में पैंगोंग के इसी इलाके की सैटेलाइट इमेज जारी की थी, तब वहां कंस्ट्रक्शन कम थे। चीन की बोट भी नहीं दिख रही थी। लेकिन नई तस्वीर में चीन का नया इन्फ्रास्ट्रक्चर साफ दिख रहा है। हालांकि ये चीन के एरिया में आता है, लेकिन यहां चीन की मंशा पर सवाल उठ रहा है। क्योंकि डिसइंगेजमेंट में ये तय हुआ था कि चीनी सैनिक पैंगोंग झील के फिंगर 8 के पूर्व में रहेगी और भारतीय सैनिकों की तैनाती फिगर 3 पर बने धनसिंह थापा पोस्ट पर होगी। तब पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से सैनिकों और हथियारों की वापसी की प्रक्रिया भी पूरी हुई थी।
नवंबर की सैटेलाइट इमेजरी तिब्बती पठार पर गोलमुड हवाई अड्डे पर चीनी एच -6 बमवर्षकों का निर्माण दिखाती है। इनकी तैनाती को भारत के लिए विवादित सीमा पर आगे नहीं बढ़ने के संकेत के रूप में देखा गया है। उपग्रह से ली गई इन तस्वीरें होटन और रुतोग में बिल्डअप और चीन की साजिश के बारे में बताती है। तिब्बती क्षेत्र में रुतोग में नया हेलीपोर्ट के अलावा विवादित अक्साई क्षेत्र में चीन पहले से ही एक और हेलीपोर्ट बना रहा था।
मई की सैटेलाइट इमेजरी में चीन को अक्साई चिन झील के पास एक हेलीपोर्ट का निर्माण करते हुए दिखाया गया है। भारत, क्षेत्र पर चीनी दावों का विरोध करता है। चीन ने भारत के साथ विवादित क्षेत्रों के पास हवाई संपर्क बनाना जारी रखा है, जैसे कि होतान हवाई अड्डे पर दूसरा रनवे और रुतोग में एक नया हेलीपोर्ट। लाइन ऑफ कंट्रोल पर चीन की बहुत बड़ी करतूत का खुलासा हुआ है। ड्रैगन के खिलाफ दुनिया के सामने एक ऐसा सबूत पेश हुआ है, जो इशारा कर रहा है कि बढ़ती सर्दी के साथ ही हिमाचल पर चीन की साजिशें तेज है।
पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग एरिया की तस्वीरों में चीन के सैन्य अड्डा साफ दिखाई दे रहे है। सैटेलाइट से ली गई इस इमेज में चीनी बोट, हेलिपैड, बंकर सबकुछ दिखाई दे रहा है, जबकि फरवरी के महीने में जब डिसइंगेजमेंट हुआ था। तब चीन ने पैंगोंग एरिया में अपने कई बंकर नष्ट कर दिए थे, लेकिन अब ये तस्वीर चीन की नई चाल की ओर इशारा कर रही है।
नवंबर के महीने में ही सैटलाइट तस्वीर से ये भी खुलासा हुआ कि चीन भारत से सटे तिब्बत के गोलमुड में इलाके में बड़ा एयरबेस बना रहा है। और हेलिकॉप्टरों, कई बैरक और इमारतें की संख्या बढ़ा रहा है। कुलमिलाकर चीन यहां तेजी से अपनी ताकत बढ़ा रहा है। लेकिन चीन की दिन प्रतिदिन बढ़ती चाल और साजिशों का जवाब देने के लिए हिंद के हिमवीर हमेशा तैयार हैं। चीन की रेड आर्मी शायद ये भूल रही है कि हिंद के पर्वतवीरों के सामने उसकी बारूदी ताकत बेकार हो गई थी। भारतवर्ष के पराक्रम के सामने उसकी लाल तैयारी लद्दाख के माइनस 20 डिग्री तापमान में पीली पड़ गई थी, जिसका प्रमाण ये तस्वीरें हैं। बीजिंग शायद ये भी भूल रहा है कि गलवान में चीनी दुस्साहस का बदला हिंदुस्तान ने किस कदर लिया था, फरवरी माह में पैंगोंग के इलाके से उल्टे पांव जिनपिंग की आर्मी भागी थी। सफेद रणक्षेत्र में चीन की रेड आर्मी को भारत के वीर सपूतों ने धूल चढ़ा दी। हिंद के पर्वतवीरों ने 15 जून 2020 को गलवान घाटी में चीनी सैनिकों की लाशें बिछा दी थीं। 20 सैनिकों की शहादत का बदला 40 चीनी सैनिकों को मौत के घाट उतार कर लिया था।
अमेरिकी स्पेस फर्म मैक्सार टेक्नोलॉजीज ने जिस इमेज को कैप्चर किया है वह पिछले महीने की बताई जा रही है, सीमा पर चीनी कंस्ट्रक्शन की इन तस्वीरों को अमेरिका के फॉरन पॉलिसी मैगजीन के रिपोर्टर जैक डिट्च ने ट्वीटर पर पोस्ट किया है। इसके अलावा चीन बार-बार लाइन ऑफ कंट्रोल के सम्मान का दावा करता है, लेकिन ये तस्वीर इस बात का सबूत है कि बीजिंग एक बार फिर अपनी ही बातों से मुकर गया है। चीन की सेना पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी के आधिकारिक न्यूज पोर्टल पर छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक नवंबर के आखिर में उसकी मिलिट्री ने तिब्बत मिलिट्री रीजन में बहुत बड़ा युद्धाभ्यास किया। इस युद्धाभ्यास में हर तरह के जंगी हथियारों का इस्तेमाल किया गया।
ये सवाल इसलिए क्योंकि पूर्वी लद्दाख में एक बार फिर चीन की करतूतों को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। ऐसे में चीन की चालों को लेकर फिर सवाल उठरहे है कि और कितने ‘गलवान’ चाहता है विस्तारवादी ड्रैगन? और कितनी बार सफेद रणक्षेत्र में पिटना चाहती है रेड आर्मी? ये सवाल इसलिए क्योंकि सैटेलाइट तस्वीरों के जरिए ये पता चला है कि पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर फिंगर-8 के इलाके में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने फिर से अड्डा बना लिया है।
Satellite imagery from May shows China building a heliport near Aksai Chin Lake. India contests Chinese claims to the area.
China has continued building air links near disputed areas with India, such as a second runway at Hotan Airport and a new heliport at Rutog.