
जालन्धर(NIN NEWS): वैसे तो पुलिस जनता की सुरक्षा व पीड़ित को इंसाफ देने के लिए होती है परंतु अगर रक्षा करने वाली पुलिस ही भक्षक बन जाए तो क्या होगा हमारे समाज का?
हम बात कर रहे है जालन्धर के थाना रामामंडी की जहाँ कुछ दिन पहले वजीर सिंह एन्क्लेव की रहने वाली महिला शिला देवी ने थाने में उसके साथ व उसके दो बेटों के साथ मकान मालिक द्वारा मारपीट करने की शिकायत दी थी। इतना ही नही पीड़ित महिला ने अपनी दी हुई शिकायत में साफ साफ इस बात का ज़िक्र किया है कि जब वह मकान की छत से धोए हुए कपड़े उतारने गई तो मकान मालिक द्वारा उसे पीछे से आकर अपनी बाहों में जाड़क लिया और उसके साथ जोर जबरदस्ती करने की कोशिश की जिसके बाद उक्त पीड़ित महिला ने शोर डाला तो उसकी चीख पुकार सुनकर उसका लड़का छत पर आ गया और जब उसने देखा मकान मालिक उकसी माँ के साथ जबदस्ती करने की कोशिश कर रहा है तो उसने अपनी माँ को मकान मालिक के चंगुल से छुड़वाया। महिला ने आगे बताया कि इस मकान में वह बतौर किराएदार रह रही है उसके मालिक द्वारा उसे पहले भी कई बार तंग परेशान किया जा चुका है जिसके बाद महिला ने इंसाफ के लिए माननीय अदालत का दरवाजा भी खटखटाया। जिस पर मानयोग अदालत द्वारा पीड़ित महिला व उसके परिवार को मकान पर स्टे दे दिया गया है। आगे महिला का कहना है कि पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही न करने की सूरत में दिन भर दिन उक्त मकान मालिक का अत्याचार और अधिक बढ़ता गया मालिक के द्वारा उसे व उसके बेटों को कई बार दंडो व रोडो के साथ पीटा भी जा चुका है।

इतना ही नहीं पीड़ित महिला ने आगे जालंधर के थाना रामामंडी के मुलाजिमों पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने पुलिस को मेडिकल रिपोर्ट दी थी परंतु पुलिस ने उनकी सुनवाई ना करते हुए उल्टा मारपीट करने वाले मकान मालिक के दबाव में आकर उल्टा उन पर ही झूठा मुकदमा दर्ज कर दिया गया।

उक्त पीड़ित महिला ने मुख्यमंत्री पंजाब महिला आयोग तथा महिलाओं के हकों के लिए समाज में काम कर रही संस्थाओं से इंसाफ दिलाने की गुहार लगाई है।

दूसरे भाग में आपको बताएंगे कि असल में यह मामला कब कहां से शुरू हुआ और किस तरीके से जालंधर की थाना रामामंडी पुलिस द्वारा पीड़ित महिला को इंसाफ देने की बजाय उस पर और उसके दो बेटों पर ही झूठा मुकदमा दर्ज कर डाला।
