आई के गुजराल पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी में कॉन्ट्रैक्ट बेस पर कई वर्षों से काम करने वाले कर्मचारियों को निकाल कर अधिकारी अपने करीबियों को रखना चाहते हैं नौकरी पर।
NIN NEWS (Sunny Kumar): भर्ती घोटाले से विवादों में सुर्खियां बटोरने वाली आइकेजी पीटीयू में अब एक बार फिर विवाद गर्माने लगा है। सूत्रों अनुसार इस बार भी भर्तियों को लेकर ही विवाद उत्पन्न हो रहा है।
सूत्रों के अनुसार अधिकारी अपनी ही मनमानी कर रहे हैं आई के गुजराल पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी में कई सालों से कॉन्ट्रैक्ट बेस पर काम करने वाले कर्मचारी अलग-अलग विभागों में नौकरियां कर रहे हैं पिटीयू अधिकारी पुराने कर्मचारियों को निकाल कर अपने करीबियों को नौकरियां देने की स्कीम लगाई जा रही है और इस कड़ी में पहले से काम कर रहे कर्मचारियों का कहना है कि जो कर्मचारी वहां पर कॉन्ट्रैक्ट बेस पर काम कर रहे हैं उन्हें पीटीयू उच्चाधिकारी आए दिन उनको यूनिवर्सिटी से बाहर का रास्ता दिखाने के लिए कोई ना कोई स्कीम लगते रहते हैं आई के गुजराल पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी कपूरथला में कॉन्ट्रैक्ट बेस पर SIS कंपनी के द्वारा जो कर्मी काम कर रहे हैं, उनका कहना है कि हम कई सालों से यूनिवर्सिटी में कॉन्ट्रैक्ट बेस पर काम कर रहे हैं जिसमें कि उनकी सैलरी भी बहुत ज्यादा नहीं है।
पीटीयू में कंपनी बदल जाती है पर हम कर्मचारी वही रहते हैं और हमें कई साल का तजुर्बा भी है लेकिन अब कुछ उच्च अधिकारी निजी लालच के चलते जानबूझकर इस बार अपने करीबियों को उनकी जगह रखने के लिए कंपनी के साथ मिलकर उन्हें निकालने की तैयारी में
हैं।
इसी कड़ी में SIS कंपनी द्वारा आ़ई के जी पीटीयू के एचआरएम अधिकारी किशोर लूथरा के साथ मिलकर जिनके पास कॉन्ट्रैक्ट बेस कर्मचारियों का चार्ज है, अंग्रेजी पंजाबी टाइपिंग टेस्ट का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। जिससे कच्चे कर्मियों में खासा रोष पाया जा रहा है नाम ना छापने की शर्त पर कुछ कर्मियों ने बताया कि उक्त अधिकारी द्वारा जानबूझकर कभी उन्हें ट्रांसफर कर दिया जाता है तो अब उन्हें पीटीयू से बाहर करने के लिए टाइपिंग टेस्ट रख दिए गए हैं।
किसी भी सरकारी अदारे में कॉन्ट्रैक्ट बेस पर काम करने वाले कर्मचारियों के लिए टाइपिंग टेस्ट जरूरी नही है बशर्ते रेगुलर ना करना हो। वहीं कर्मचारियों ने कहा कि इस अधिकारी के कारण वह डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं क्योंकि उनकी रोजी-रोटी का सवाल है। उन्होंने आगे बताया कि ptu किशोर लथूरा अधिकारी द्वारा करीब 4 महीने पहले 13 कॉन्ट्रैक्ट बेस कर्मियों को बिना वजह ड्यूटी से निकाल दिया गया था।
जिनकी जगह पर यूनिवर्सिटी के एक अन्य उच्चाधिकारी का करीबियों को रखने की कवायद जारी है। उन्होंने कहा कि जल्द इस मामले को मुख्यमंत्री तक लेकर जाएंगे और परेशान करने वाले अधिकारी को सबक सिखाया जाएगा।
इस बारे जब पीटीयू अधिकारियों से सम्पर्क किया गया तो सभी ने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि जो कानून अनुसार सही होगा वही किया जाएगा। इस बारे जब उक्त अधिकारी किशोर लूथरा से सम्पर्क करने की कोशिश की तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।
इस बारे में जब उक्त मामले के विशेषज्ञ से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि आई के जी पीटीयू एक्ट अनुसार कॉन्ट्रैक्ट बेस पर कंपनी के जरिए काम करने वाले कर्मचारियों का टाइपिंग टेस्ट लाज़मी नहीं। ऐसे में पुराने कर्मियों को परेशान करना सही नहीं बल्कि नई भर्ती में इसको ऑप्शन बनाया जा सकता है।
कॉन्ट्रैक्ट बेस पर काम करने वाले कर्मचारियों का कंपनी द्वारा टाइपिंग टेस्ट तब लिया जा सकता है । यदि कंपनी में कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ोतरी करनी है। और यदि कर्मचारी कंपनी द्वारा दिए गए हो पर यहां पर तो केवल कंपनी चेंज होती है कर्मचारी वहीं रहते हैं। या कर्मचारियों को प्रमोशन देनी हो यदि कंपनी द्वारा ऐसी कोई भी ऐसी पॉलिसी से नहीं है।
तो फिर कर्मचारियों का टेस्ट नहीं लिया जा सकता और वही मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा कई वर्षों से सरकारी आधारों में कॉन्ट्रैक्ट बेस पर काम करने वाले कर्मचारियों को चुनाव से पहले और चुनाव जीतने के बाद भी पक्के करने की घोषणा की गई थी वहीं कर्मचारियों का आरोप है। कि sis कंपनी के साथ मिलकर पीटीयू अधिकारी हमें पुरानें नौकरियों को निकाल कर अपने करीबियों को लाना चाहते हैं।
यदि हमें नौकरी से निकाला जाता है अब हम कहीं और अप्लाई भी नहीं कर सकते क्योंकि अधिकतर कर्मचारियों की किसी भी नई नौकरी के लिए अप्लाई करने की उम्र भी निकल चुकी है।