न्यायिक आदेश,नियम,कानून की पालना करवाने वाले ही जब खुद कानून से खिलवाड़ करने लग जाए तो कैसे हो संरक्षित प्राचीन धरोहरों की सुरक्षा,संरक्षण ?
राजस्थान(NIN NEWS, कृष्ण कुमार महर्षि,नवीन): जयपुर के संजय सर्किल क्षेत्र में चांदपोल परकोटे पर लगे हुए यातायात पुलिस,जयपुर का मोटर यान (संशोधन) अधिनियम 2019 के सूचना,साईन बोर्ड द्वारा संरक्षित प्राचीन परकोटे का खुलेआम विरूपण हो रहा हैं।
यह कार्य किसी अंजान, अनपढ़ व्यक्ति,संस्था,संगठन ने नही स्वयं एक जिम्मेदार सरकारी विभाग द्वारा किया गया है जो उसकी विभागीय,प्रशासनिक गरिमा को धूमिल कर विभागीय कार्य प्रणाली एवं सजगता पर प्रश्न चिन्ह उत्पन्न कर रहा हैं।
जबकी जयपुर परकोटा शहर में सूरजपोल,घाटगेट,सांगानेरीगेट,
न्यूगेट,सिंहद्वार,रामगंज चौपड़ क्षेत्र में बड़े-बड़े साईन बोर्ड पर जयपुर की प्राचीन धरोहर एवं संरक्षित परकोटे की सुरक्षा एवं संरक्षण के सम्बन्ध में
डी.बी. सिविल रिट पिटिशन (पी.आई.एल.) नं. 1220/2010 बृजमोहन जांगिड़ बनाम राजस्थान सरकार में माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेशानुसार परकोटे पर तथा परकोटे के दोनों ओर 5 मीटर की परिधि में किसी भी प्रकार का निर्माण मरम्मत कार्य निषेध है किसी भी व्यक्ति संस्था द्वारा उल्लंघन किए जाने पर किसी के भी द्वारा शिकायत निम्नांकित दूरभाष पर की जा सकती है।
आज्ञा से नगर निगम जयपुर दूरभाष नं.
0141-2742900, 5101455
शहर परकोटा जयपुर संरक्षित स्मारक/संरक्षित क्षेत्र ऐतिहासिक शहर जयपुर की सुरक्षा हेतु शहर के चारों ओर परकोटे एवं दरवाजों का निर्माण सवाई जयसिंह द्वारा 18 वीं शताब्दी में करवाया गया।प्रारंभ में इसमें 7 दरवाजे बनाये गये थे। सवाई मानसिंह द्वितीय के शासन काल में न्यूगेट का अतिरिक्त दरवाजे के रूप में निर्माण करवाया गया।उक्त परकोटा एवं दरवाजे राजस्थान स्मारक पुरावशेष स्थान तथा प्राचीन वस्तु अधिनियम 1961 की धारा 3 के तहत संरक्षित स्मारक है एवं नगर निगम जयपुर (भवन) उपविधियां 1970 की धारा 31के तहत परकोटे से 5 मीटर की दूरी में किसी भी प्रकार का निर्माण निषेध है।
जो कोई भी इस संरक्षित स्मारक को किसी रूप में नष्ट करता है, हानि पहुंचाता है, विकृत करता है, बिगाड़ता है, परिवर्तित करता है, विच्छिन्न करता है, हटाता है, दुरुपयोग करता है, उसको खतरे में डालता है, या उसकी अपक्षय होने देता है, को उक्त अधिनियम की धारा 17 के तहत ऐसी अवधि जो 3 वर्ष तक के कारावास की हो सकेगी या ऐसे जुर्माने से जो एक लाख रूपये तक का हो सकेगा या दोनों से दंडनीय होगा।
आदेशानुसार
निदेशक (पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग राजस्थान जयपुर)
मुख्य कार्यकारी अधिकारी नगर निगम जयपुर
माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश एवं राजस्थान स्मारक,पुरावशेष स्थान तथा प्राचीन वस्तु अधिनियम और नगर निगम जयपुर (भवन) उपविधियो की धारा के तहत जारी नियम, कानून,दिशा निर्देश स्पष्ठ रूप से बड़े – बड़े अक्षरों में लिखे हुए नोटिस साईन बोर्ड आमजन की सूचनार्थ लगे हुए है।
फिर भी एक जिम्मेदार सरकारी विभाग द्वारा संरक्षित परकोटे पर अपना साईन बोर्ड लगाया जाना अत्यन्त निंदनीय,और कानून विरूद्ध हैं।